सफूरा जरगर एक बार फिर से चर्चा में है। दरअसल जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी ने रिसर्च स्कॉलर और एक्टिविस्ट सफूरा जरगर के यूनिवर्सिटी कैंपस में एंट्री पर बैन लगा दिया है। इससे पहले वह 2020 में भी सुर्खियों में थी। जब उसको दिल्ली दंगों के आरोप में 10 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया था। उसे तिहाड़ जेल में रखा गया था। हालांकि सफूरा के गर्भवती होने के कारण उसे मानवीय आधार पर जून 2020 में जमानत दी गई थी।
जामिया की छात्रा नहीं है सफूरा
इसी बीच यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अपने नोटिस में कहा है कि सफूरा जरगर साल 2020 में सीएए-एनआरसी के विरोध में दिल्ली में हुए दंगों की आरोपी है। वह दंगों की शुरुआत करने वाले साजिशकर्ताओं में से एक है। सफूरा जामिया की EX-MPHIL की छात्रा है। जिसे दोबारा एडमिशन नहीं दिया गया। वह अब जामिया की छात्रा नहीं है।
आपको बता दें कि यूनिवर्सिटी ने कुछ दिन पहले ही डिजर्टेशन जमा नहीं करने के आधार पर सफूरा का MPHIL में एडमिशन कैंसिल कर दिया था। MPHIL में एडमिशन कैंसिल होने के बाद सफूरा और अन्य जामिया स्टूडेंट्स प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि सफूरा जरगर को MPHIL में एडमिशन दिया जाए और उन्हें अपनी थिसिसि जमा करने के लिए अतिरिक्त समय मिलना चाहिए।
कैंपस का माहौल बिगाड़ने का आरोप
वहीं जामिया यूनिवर्सिटी ने अपने आदेश में कहा कि सफूरा द्वारा प्रदर्शनों का आयोजन किया गया। जिसके चलते उन पर कैंपस में आने पर बैन लगाया गया है। उन्होंने कहा है कि ‘सफूरा जरगर कुछ बाहरी स्टूडेंट्स के साथ शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ने के लिए अप्रासंगिक और आपत्तिजनक मुद्दों के खिलाफ कैंपस में आंदोलन, विरोध और मार्च आयोजित करने में शामिल रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह स्टूडेंट्स को उकसा रही हैं और कुछ अन्य स्टूडेंट्स के साथ अपने राजनीतिक एजेंडे के लिए यूनिवर्सिटी का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही हैं।’
प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी
‘इसके अलावा वह संस्थान के सामान्य कामकाज में बाधा डाल रही है। इस मामले को ध्यान में रखते हुए सक्षम प्राधिकारी ने कैंपस में शांतिपूर्ण शैक्षणिक वातावरण बनाए रखने के लिए पूर्व स्टूडेंट सफूरा जरगर के तत्काल प्रभाव से कैंपस में आने पर बैन लगा दिया है।’ इसके साथ ही जामिया यूनिवर्सिटी प्रशासन ने सफूरा जरगर को दोबारा एडमिशन दिए जाने के संबंध में हुए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले कई स्टूडेंट्स को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। यूनिवर्सिटी के प्रॉक्टर ने एक लिखित आदेश में कहा कि जरगर के समर्थन में विरोध प्रदर्शन में कई स्टूडेंट्स की भागीदारी ‘जामिया के नियमों और विनियमों का घोर उल्लंघन है और जामिया अधिकारियों द्वारा इसे अलग से देखा जाता है
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