Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
SCO Summit 2022: समरकंद में PM मोदी सबसे मिलाएंगे हाथ, लेकिन

SCO Summit 2022: समरकंद में PM मोदी सबसे मिलाएंगे हाथ, लेकिन इनसे मुलाकत होगी बेहद खास

आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे। ये देश के लिए बेहद गर्व की बात है। दो दिवसीय बैठक में पीएम मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। यूक्रेन रूस युद्ध के बीच यह दोनों नेताओं के बीच पहली मुलाकात है। इसलिए सबकी निगाहें इसी मुलाकात पर टिकी हैं। साथ ही पीएम चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात करेंगे। हालांकि दोनों देशों ने इस पर चुप्पी साध रखी है।

इसी बीच गुरुवार को विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि पीएम की समरकंद में उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति समेत दूसरे कई देशों के शासनाध्यक्षों के साथ द्विपक्षीय बातचीत होगी।  हालांकि उन्होंने स्पष्ट नहीं किया कि उनकी जिनपिंग से बातचीत होगी या नहीं।

इन विषयों पर होगी चर्चा

वहीं क्वात्रा ने कहा कि बैठक में प्रासंगिक मुद्दों, व्यापार और क्षेत्रीय सहयोग पर सार्थक चर्चा की उम्मीद है। इसके साथ ही बैठक में विकास के मुद्दों पर फोकस होगा और आतंक समेत साझा चुनौतियों से निपटने, कारोबार एवं आर्थिक विषयों पर चर्चा होगी। 

वहीं पीएम मोदी का ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी, उज्बेक राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मिलना तय है। मोदी ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान के शासनाध्यक्षों के साथ भी द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी इस दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बातचीत करने की बात सामने आ रही थी। लेकिन भारत सरकार के सूत्र ने स्पष्ट किया कि चूंकि आतंकवाद पर पाकिस्तान के रवैये में कोई बदलाव नहीं हुआ है और भारत की पहली शर्त आतंकवाद पर रोक है। ऐसे में मोदी-शरीफ के बीच किसी तरह की बातचीत नहीं होगी।

आतंक और पाक दोनों निशाने पर


समरकंद में एससीओ शिखर सम्मेलन से पहले भारत ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर आतंक को लेकर निशाना साधा। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि सब जानते हैं कि आतंकवाद कहां से आ रहा है और सीमापार से हमलों के पीछे कौन है।
वहीं क्वात्रा ने कहा कि अलग-अलग देश क्षेत्र में आतंकवाद की चुनौतियों को कैसे लेते हैं इसे समझने के कई तरीके हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि पाकिस्तान आतंक से सीधे जुड़ा है। 

एससीओ के देश आतंक के प्रति गंभीर समझ दिखाते हैं। उससे निपटने के लिए सहयोग पर जोर देते हैं। क्वात्रा ने कहा कि अक्टूबर में आरएटीएस की कार्यकारी परिषद का अध्यक्ष बनने के बाद से भारत एससीओ में आतंकी, चरमपंथी व अलगाववादी संगठनों व व्यक्तियों का रजिस्टर बनाने पर जोर दे रहा है। 

जिनपिंग की मुलाकात की संभावना प्रबल


साथ ही उन्होंने कहा कि आरएटीएस के निदेशक मिर्जेव रुस्लान एर्किनोविच ने कुछ दिन पहले ही एनएसए अजीत डोभाल और विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी से मुलाकात में आतंकी रजिस्टर तैयार करने पर चर्चा की थी। क्वात्रा ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना अजहर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव में अड़ंगा लगाने के लिए चीन पर भी निशाना साधा।

जानकारी के अनुसार पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से चीन ने जिस तरह बैठक से ठीक पहले अपनी सेना की वापसी शुरू की है। इससे मोदी-जिनपिंग की मुलाकात की संभावना प्रबल हो गई है। 2017 में भी चीन ने अपनी मेजबानी में होने वाली जी-20 बैठक से ठीक पहले दोकलम विवाद सुलझाया था। उसके बाद इस बैठक में शिरकत करने वहां गए पीएम मोदी ने राष्ट्रपति जिनपिंग से मुलाकात की थी।

अब दुनिया में दो महाशक्तियां नहीं है



बैठक से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि  अब न तो दुनिया में कोई गुट निरपेक्ष है और न ही दो ही महाशक्तियां हैं। भारत आज स्वतंत्र विदेश नीति बना सकता है। यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने अमेरिका, यूरोप देशों से अलग नीति अपनाई। दबाव के बावजूद रूस से तेल आयात बंद नहीं किया। ऐसे में पीएम मोदी की ईरानी राष्ट्रपति से द्विपक्षीय वार्ता को बेहद अहम माना जा रहा है।


वहीं एससीओ में इस समय रूस, ताजिकिस्तान, चीन, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान शामिल हैं। भारत और पाकिस्तान का इस समूह में साल 2017 में प्रवेश हुआ। इस साल ईरान के साथ डायलॉग पार्टनर के तौर पर चार अरब  देशों समेत छह नए देशों की एंट्री हुई है। इस प्रकार 15 देशों का एससीओ सबसे बड़ा क्षेत्रीय सहयोग संगठन बन जाएगा।

Exit mobile version