राजस्थान। भरतपुर के दो मुस्लिम युवकों को बोलेरो में जिंदा जलाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है। हाल ही में भरतपुर के गोपालगढ़ थाने के एसएचओ राम नरेश का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें एसएचओ बोले रहे हैं कि सबूत मिटाने के लिए जुनैद और नासिर को जिंदा जलाया गया है। वहीं मृतक जुनैद राजस्थान पुलिस का इनामी बदमाश था।
इनामी बदमाश था जुनैद
यह वीडियो 3 दिन पहले सोशल मीडिया पर शेयर किया गया है। यह एक चैनल का स्टिंग ऑपरेशन था। जिसमें एसएचओ ऑफ रिकॉर्ड रिपोर्टर को बता रहे हैं कि जुनैद 5 मामलों में वांछित था। वहीं कथित गौ-भक्तों ने सबूत मिटाने के लिए नासिर और जुनैद को बोलेरो में जिंदा जलाया गया है।
फिलहाल पुलिस नामजाद आरोपी रिंकू सैनी से पूछताछ की जा रही है। जिसे राजस्थान पुलिस ने हरियाणा से गिरफ्तार किया था। रिंकू सैनी को इस मामले का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। कथित गौ-रक्षक मोनू मानेसर उर्फ मोहित की अभी तक लोकेशन नहीं मिल पाई है।
क्या थी रिंकू की गलती
वहीं गोपालगढ़ पुलिस की माने तो नासिर-जुनैद हत्याकांड में मोनू राणा, अनिल मुरथल और विकास आर्य मुख्य आरोपी है। पुलिस ने बताया कि गौ-रक्षकों की जींद और फिरोजपुर की टीम अलग-अलग हैं। रिंकू सैनी मोनू मानेसर की टीम का है।
रिंकू को इसलिए गिरफ्तार किया गया है क्योंकि इसकी लोकेशन हत्याकांड की जगह नौगांव में मिली है। पुलिस रिमांड के दौरान रिंकू से पूछताछ कर रही है। हालांकि वह झूठ भी बोल सकता है। जिसने मोबाइल पर मैसेज किया वह कोई ओर है। एसएचओ ने कहना है कि उसने उसी गाड़ी का नंबर भेजा है, जिसमें नासिर-जुनैद को जलाया गया है। रिंकू सैनी के नंबर पर ऑन रिकॉर्ड मैसेज भेजा गया है।
एक पिटाई के दौरान ही मर चुका था, इसलिए…
वीडियो में गोपालगढ़ एसएचओ कह रहे हैं कि नासिर और जुनैद गौ-तस्कर थे। जुनैद और नासिर के बारे में उनके गांव से निकलने की सूचना लीक की गई थी। कथित गौ-रक्षकों ने नासिर-जुनैद की पिटाई कर हरियाणा पुलिस के सुपुर्द करते हुए कहा कि लो पकड़ो। लेकिन हरियाणा पुलिस ने इनकी कंडीशन देखकर कहा कि हम इनको नहीं लेंगे। इस वजह से ही जिंदा जलाने की वारदात हुई। एक तो पहले ही पिटाई से मर चुका था।
कथित गौ-रक्षकों ने सबूत मिटाने के लिए बोलेरो में डाला और फिर आग लगा दी। इस मामले में मास्टरमाइंड मोनू राणा है। वह भिवानी का रहने वाला है। घटना स्थल और भिवानी में ज्यादा अंतर नहीं है।