नई दिल्ली: दिल्ली के महरौली में हुए श्रद्धा वालकर हत्याकांड को लेकर साकेत कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस मामले में मुख्य आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ साकेत कोर्ट ने हत्या और सबूत गायब करने के आरोप तय कर दिये हैं। आरोपी आफताब के खिलाफ कोर्ट ने हत्या IPC की घारा 302 और सबूत नष्ट करने की धारा 201 के तहत आरोप तय कर दिये गए। वहीं साकेत कोर्ट में आरोपी आफताब ने कहा कि वह इन आरोपों को नहीं मानता है। वह इसके खिलाफ केस लडे़गा।
हिंसक था श्रद्धा और आफताब का रिश्ता
इसी साल मार्च में दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में जानकारी दी थी कि श्रद्धा की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई थी। पुलिस ने कोर्ट में बताया कि श्रद्धा और आफताब का लिव इन रिलेशनशिप सही नहीं था। उनका रिश्ता काफी हिंसक था। जो भी सबूत आफताब के खिलाफ मिले हैं, इससे पूरी तरह से साबित होता है कि उसने श्रद्धा वालकर की हत्या की है।
आफताब से डरी हुई थी श्रद्धा
पुलिस ने कोर्ट में ये भी जानकारी दी कि श्रद्धा आफताब से डरी हुई थी। वह अपना दर्द एक डॉक्टर से साझा किया करती थी। डॉक्टर श्रद्धा की ऑनलाइन काउंसिलिंग किया करते थे। पुलिस ने बतौर सबूत इसे कोर्ट में पेश किया। एक बार श्रद्धा ने डॉक्टर को बताया था कि एक दिन आफताब ने उसका गला पकड़ लिया और जोर से दबाने लगा। उसने उसका गला इतनी मजबूती से पकड़ा कि उसकी सांस भी उखड़ने लगी। कोर्ट में पुलिस ने बताया कि आफताब ने श्रद्धा की और उसके शव को बेरहमी से टुकड़ों में काट कर फेंकने लगा। इन टुकड़ो को पुलिस ने बरामत किए और डीएनए जांच के लिए भेजें। इसके बाद इस मामले में एक के बाद एक खुलासे हुए।