श्रीलंका के आर्थिक हालात बिगड़ने से देश पर महासंकट के बादल डेरा डाल कर बैठे है जो छटने का नाम नहीं ले रहे..जिसके चलते देश में लोगों का उग्र प्रदर्शकारी रुप देखने को मिल रहा है..इस प्रदर्शन ने सरकार के पैर भी डगमगा दिए है..
इसी दौरान अमेरिका ने भी श्रीलंका के नेताओं से आर्थिक स्थिरता हासिल करने के लिए जल्दी से कोई बड़ा कदम उठाने के लिए कहा है..वहीं विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी सरकार को ऐसी हालात में तेजी से देश की स्थिति के कारणों और उनकी समस्या के समाधान को जल्दी से खोज लेना चाहिए..और उन्हें लागू करने के लिए तेजी से काम करना चाहिए..

साथ ही उन्होंने कहा जो दीर्घकालिक आर्थिक स्थिरता प्राप्त कर लेगा वही देश के लोगों के असंतोष को दूर करेगा..ऐसे में जरूरी है देश को ऐसी सरकार मिले जो तेजी से देश की आर्थिक स्थिति में सुधार ला सके..
दरअसल प्रदर्शनकारियों के उग्र प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति गोतबाया ने 13 जुलाई को इस्तीफा देने का एलान कर दिया है..साथ ही पीएम विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफे की घोषणा की है..वो देश में सर्वदलीय सरकार चाहते है..

देश में गुस्साए लोगों का प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है..इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन पर कब्जा कर लिया है..जिसके चलते राष्ट्रपति गोतबाया ने राष्ट्रपति भवन को छोड़ दिया है..फिलहाल वह आर्मी हेटक्वार्टर में छिपे हुए है..
इसी बीच उन्होंने 13 जुलाई को इस्तीफे का एलान किया है..यही नहीं बढ़ती हिंसा को देखते हुए पीएम रानिल विक्रमसिंघे ने भी अपने पद से इस्तीफा देने की बात की है..लोगों का कहना है कि बदलाव के जिस वक्त का हम इंतजार कर रहे थे वो आ गया है..