शहर में किरायेदार के रूप में शत्रु संपत्ति का नक्शा पास कराकर मकान का निर्माण कराने के मामले में नगर पालिका परिषद की निवर्तमान अध्यक्ष व सपा नेता उज्मा राशिद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। डीएम के निर्देश पर शनिवार को तहसीलदार अखिलेश कुमार राजस्व टीम के साथ रकाबगंज स्थिति आवास पर पहुंचे और बेदखली की नोटिस चस्पा की।
वहीं उन्होंने दो दिन में मकान खाली करके प्रशासन को सौंपने का लिखित निर्देश दिया। वहीं यह कार्यवाही उस वक्त हुई, जब उज्मा अस्पताल में इलाजरत अपने वालिद की तीमारदारी में लगी थीं। उनके साथ शौहर डॉ. राशिद इकबाल, उज्मा की मां और अन्य परिवारी जन भी मौजूद रहे। जिस वक्त नोटिस चस्पा किया गया, घर में ताला लगा था। नोटिस के वक्त कोई सामने नहीं आया।
निवर्तमान चेयरमैन उज्मा राशिद के खिलाफ शत्रु संपत्ति कब्जाकर मकान बनाने के मामले में जांच का आदेश साल 2021 में दिया गया था। वहीं निवर्तमान नगर पालिका अध्यक्ष उजमा रासिद पर किरायेदार के रूप में नियम विरुद्ध नक्शा स्वीकृत कराकर निर्माण कराने में अब जाकर कार्रवाई हुई है। दूसरी ओर प्रशासन की इस कार्रवाई से शहर में खलबली मची रही।
आजादी के बाद तय कि गई थी शत्रु संपत्तियां
आजादी के बाद 1968 में शत्रु संपत्तियां तय कि गई थी। पाकिस्तान बंटवारे से यहां जो लोग संपत्ती छोड़कर चले गए और वहां के नागरिक हो गए थे। उनकी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति घोषित करके शासन ने अपने संरक्षण में ले लिया था। वहीं साल 2017 में शत्रु संपत्तियों के मामले में केंद्र सरकार की ओरसे संशोधन किया गया, और कई तरह के नियंत्रण किए गए। इसके बाद से लोगों की निगाहें शत्रु संपत्तियों पर टिक गई। अब शत्रु संपत्तियों की जांच होगी और नए नियमों के तहत कार्रवाई तय होगी।