Gonda accident: उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में घाघरा नदी के किनारे एक दर्दनाक और रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है। रविवार, 22 जून 2025 की शाम को उमरी बेगमगंज थाना क्षेत्र के सोनौली मोहम्मदपुर गांव में 13 वर्षीय बालक राजा बाबू उर्फ नान यादव को मगरमच्छ ने नदी में खींच लिया। बालक नदी किनारे भैंस नहला रहा था, तभी यह भयावह हादसा हुआ। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है और गांव में डर का माहौल है। घटना का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसने लोगों को दहला कर रख दिया है। स्थानीय लोग अब नदी किनारे जाने से डरने लगे हैं और प्रशासन से सख्त कदमों की मांग कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश –
जिला गोंडा में घाघरा नदी किनारे भैंस नहलाने गए 13 वर्षीय राजा बाबू उर्फ नान यादव को मगरमच्छ खींचकर ले गया। एक Video में मगरमच्छ और बच्चे का सिर मामूली दिखता है। फिर दोनों लापता हो जाते हैं। कल से तलाश जारी है। pic.twitter.com/Bqi3RzXAJo
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) June 23, 2025
नदी किनारे खेलते-खेलते मौत के मुंह में समा गया मासूम
Gonda थाना प्रभारी नरेंद्र प्रताप राय के मुताबिक, राजा बाबू अपने पिता कुंवर बहादुर यादव की भैंस नहलाने के लिए घाघरा नदी के किनारे गया था। शाम के समय अचानक एक मगरमच्छ पानी से निकला और उसने राजा बाबू के पैर को अपने जबड़े में दबोच लिया। बच्चा कुछ समझ पाता, इससे पहले ही मगरमच्छ ने उसकी गर्दन पकड़कर नदी की गहराई में खींच लिया। यह सब कुछ इतनी तेजी से हुआ कि आसपास मौजूद ग्रामीण केवल चिल्ला कर रह गए, लेकिन कोई भी बच्चे को बचाने के लिए पानी में कूदने की हिम्मत नहीं जुटा सका।
वीडियो वायरल, भय का माहौल
घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें मगरमच्छ को बच्चे को अपने जबड़े में दबोचते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में कुछ सेकंड के लिए बच्चे का सिर पानी से बाहर आता है, लेकिन तुरंत बाद मगरमच्छ उसे नदी में पूरी तरह खींच लेता है। यह दृश्य इतना खौफनाक है कि जिसने भी वीडियो देखा, उसके रौंगटे खड़े हो गए। वीडियो वायरल होने के बाद पूरे इलाके में दहशत और डर का माहौल है। लोग अब अपने बच्चों को नदी के पास भेजने से कतरा रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन जारी, अभी तक कोई सुराग नहीं
घटना की सूचना मिलते ही Gonda पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई। रविवार शाम से ही रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया, जो लगभग पांच घंटे चला लेकिन बच्चे का कुछ पता नहीं चला। सोमवार सुबह फिर से गोताखोरों और वन विभाग की टीम ने नदी में जाल डालकर खोजबीन शुरू की, लेकिन अब तक बालक का कोई सुराग नहीं मिला है। स्थानीय लोगों का कहना है कि बरसात के मौसम में घाघरा नदी में जलस्तर बढ़ने से मगरमच्छ गांव के किनारे आ जाते हैं, जिससे इस तरह के हादसे बढ़ रहे हैं।
गांव वालों में डर, प्रशासन से सख्त कदमों की मांग
यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है, बल्कि पूरे गांव के लिए चेतावनी है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मगरमच्छों को पकड़ने और नदी किनारे सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग की है। लोगों का कहना है कि पिछले एक महीने में ऐसी दूसरी घटना घटी है, जिससे गांव में लगातार डर का माहौल बना हुआ है।
Gonda प्रशासन ने ग्रामीणों से नदी किनारे सतर्कता बरतने की अपील की है, लेकिन लोग अब ठोस कार्रवाई चाहते हैं। घाघरा नदी, जिसे कुछ जगहों पर सरयू भी कहा जाता है, बारिश में खतरनाक हो जाती है और मगरमच्छों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे लोगों का जीवन संकट में आ जाता है।