उप चुनाव में मिली जीत से उत्साहित राष्ट्रीय लोकदल के नेता अब नगर निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए दबाव बनाने लगे हैं। चुनाव में आरक्षण तय करने की प्रक्रिया शुरु होने के साथ ही सपा के साथ गठबंधन में सीटें तय करने कवायद भी तेज हो गई है।निकाय चुनाव में सपा के साथ बेहतर समन्वय बनाए रखने और सीटों पर तालमेल पर बातचीत के लिए रालोद ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन भी कर दिया है।इस समिति में पूर्व विधायक रलह चुंके राव वारिस के अलावा बाबूलाल प्रमुख और डॉ नीरज चौधरी कोशामिल किया है।
प्रदेश में कुल 762 नगरीय निकायों में चुनाव होने हैं। इनमें 17 नगर निगम, 200 नगर पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें शामिल हैं। वहीं इन सभी नागरीय निकायों में 13965 वार्ड है।जिन्में पार्षद या सदस्य के पदों पर चुनाव होने हैं।
रालोद के प्रभाव वाले पश्चिमी यूपी के जिलों में दावेदारों की संख्या ज्यादा है। वहीं इन जिलों में वार्डों से लेकर मेयर व चैयरमैन तक के दावेदार है। सपा के साथ गठबंधन की स्थिति में मेयर या चेयरमैन के पदों पर साझा प्रत्याशी का चुनाव एक बड़ी चुनौती है। सूत्रों के अनुसार समन्वय समिति के स्तर से समझौते का प्रारुप तय होने के बाद सपा -रालोद के शीर्ष स्तर से फैसला लिया जाएगी।
वहीं चुनाव में ऐसे प्रत्याशियों को मौका मिलने की उम्मीद है जो जिताऊ हो और दोनों दलों की साझा पसंद करते हों। दोनों दलों के मुखिया इसे 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपने गठबंधन को ताकतवर साबित करके दिखाना चाहता है। उप चुनाव में मैनपुरी लोकसभा सीट और खतौली विधानसभा सीट जीतने से उनका मनोबल बढ़ा है। इस सफलता को दोनों दलों का वोटबैंक भी उत्साह से भरा हुआ है।







