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swar by-election: सपा ने खेला हिंदू कार्ड, जनता को संबोधित करते हुए

swar by-election: सपा ने खेला हिंदू कार्ड, जनता को संबोधित करते हुए आजम खान बोले, ‘हे राम’

सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। जिसके बाद स्वार विधानसभा रिक्त घोषित हो गई। जिस पर उपचुनाव होना है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर समाजवादी पार्टी का मुस्लिम अखलियात का चेहरा कहलाए जाने वाले आजम खान ने सपा से अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है। स्वार विधानसभा क्षेत्र से पहली बार समाजवादी पार्टी ने हिंदू प्रत्याशी उतारा है, जिसको लेकर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में खासकर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में विरोध के स्वर नजर आ रहे हैं...

सपा नेता आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान को अदालत से सजा सुनाए जाने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। जिसके बाद स्वार विधानसभा रिक्त घोषित हो गई। जिस पर उपचुनाव होना है। मुस्लिम बहुल इस सीट पर समाजवादी पार्टी का मुस्लिम अखलियात का चेहरा कहलाए जाने वाले आजम खान ने सपा से अनुराधा चौहान को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया है। स्वार विधानसभा क्षेत्र से पहली बार समाजवादी पार्टी ने हिंदू प्रत्याशी उतारा है, जिसको लेकर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में खासकर समाजवादी पार्टी के मुस्लिम वोट बैंक में विरोध के स्वर नजर आ रहे हैं।

आजम खान बोले ने बोला हे राम…

सेकुलर अंदाज में चुनाव प्रचार करने पहुंचे आजम खान ने जनता को हिंदू मुस्लिम एकता का पाठ पढ़ाया, आजम खान ने जहां महात्मा गांधी के हत्या के समय निकले बोल, हे राम का जिक्र किया, तो वही टीपू सुल्तान की हत्या के बाद अंग्रेजों द्वारा उतार कर ले जाई गई अंगूठी पर राम लिखा होना बताया।

मैं उस कोठरी में कैद था, जहां…

आजम खान ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, हमारे ही वतन हिंदुस्तान में इमरजेंसी के नाम पर एक ऐसा दौर भी आया था,  जब पूरे मुल्क को कहा गया कि कैद खाना बन गया। मैं बहुत छोटा था उस समय। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पढ़ता था। वकालत की सबसे बड़ी डिग्री कर रहा था। यूनियन के लोग पकड़े गए। मैं भी पकड़ा गया क्योंकि उस वक्त यूनियन का सेक्रेटरी था और वहीं सबसे बड़ा ओहदेदार होता था। मुझे अलीगढ़ जेल की एक ऐसी कोठरी में रखा, जहां कभी एक बहुत नामवर डाकू हुआ करता था। उसका नाम था सुंदर डाकू।

….तब यह मालूम होता था कि अब दुनिया में दिन निकला है

हमारे साथ आज जो कुछ हुआ है यह कोई अजूबा नहीं है। यह कुछ ऐसा नहीं है जिसके लिए हम तैयार नहीं थे। यह हमारा हड्डी गोश्त उन हथकड़ियों के लिए आमादा नहीं था। यहां की कोठरी और वहां की कोठरी में बस इतना फर्क था कि यह जमीन के अंदर थी और वह जमीन के ऊपर थी। जब सूरज अपने उरूज पर होता था तब यह मालूम होता था कि अब दुनिया में दिन निकला है। इससे भी छोटी कोठरी थी, जिसका जिक्र किया अब्दुल्ला खान ने।

आज मैं दबे हुए सर के साथ आपके सामने खड़ा हूं

कोठरी में पेशाब पखाने के लिए कुंडेली थी जिसके अंदर राख थी उसी में पेशाब कीजिए उसी में ही पखाना कीजिए और वहीं खाइए और सो जाइए, जब जालिम जुल्म करता है तो उसकी कोई हद नहीं होती, और जब कोई खाई में गिरता है तो उसे इस बात का ख्याल नहीं रहता कि खाई की गहराई कितनी है। लेकिन देखना यह है कि ज़ुल्म को बर्दाश्त करने की ताकत कितनी हैं। अगर वह बर्दाश्त की कसौटी में पहली बार पूरे उतर गए तो फिर जिंदगी की आखरी सांस तक उनके लिए कोई ऐसी कसौटी नहीं बनेगी जिस पर उनके सर को झुकाया जा सके और आज हम उसी दबे हुए सर के साथ आपके सामने खड़े हुए हैं।

हवाएं रुक जाया करती थी उनके नाम से…

आजम खान ने कहा कि मिसेस इंदिरा गांधी का जमाना, हवाएं रुक जाए जिसके नाम से , जिसने एक मुल्क के दो टुकड़े करा दिए। जिन्हें दुर्गा मां का खिताब मिला हो, इमरजेंसी की गलती ने उनके नाम को मिटा कर रख दिया। ऐसी आंधी चली कि कांग्रेस का नामोनिशान मिट गया। हम जैसे लोग एक तदार में आए सरकारें बनीं। एक और हादसा हुआ इस मुल्क में दर्दनाक उसमे इंदिरा गांधी की हत्या हुई। बहुत बुरा हुआ।

किसी कानून के मुल्क में, किसी की जान कानून के फैसले के बगैर ली जाना, चाहे वह इंदिरा गांधी हो या कोई अदला सा इंसान हो, वह कल भी गलत था और आज भी गलत है। लेकिन नतीजा क्या हुआ। इंदिरा गांधी की हत्या, एक औरत की, एक वजीरे आजम की, एक मां की, एक बेटी की हत्या नहीं थी एक बीवी की हत्या नहीं थी, बल्कि हिंदुस्तान की निजाम ए जम्हूरियत का कतल था।

किसी ने नहीं सोचा था कि…

फिर एक ऐसा इंसानी सैलाब आया कि आज तक हिंदुस्तान की पार्लियामेंट में किसी के भी इतने एमपी नहीं जीत कर आए जितने कांग्रेस के आए। राजीव गांधी हिंदुस्तान के वजीरे आजम बने कोई सोच सकता था कि मिसेज इंदिरा गांधी जिन्होंने इमरजेंसी लगाई थी उनका बेटा कभी इस मुल्क का प्रधानमंत्री बनेगा। लेकिन हुआ, गलती करने वाले यह भूल जाते हैं कि इसके नतीजे क्या होंगे। जब नया नया टेलीविजन चला था मिस इंदिरा गांधी सफेद साड़ी पहनकर बरामदे में बेंच पर जा कर बैठ जाया करती थी और पूरे हिंदुस्तान की आंखों में आंसू होते थे। वहीं इदिरा गांधी जिन्होंने इमरजेंसी लगाई थी उनको एक नई जिंदगी दे दी थी।

पूरी दुनिया में  दो बैंक अकाउंट है…

आजम खान ने कहा पूरी दुनिया में  दो बैंक अकाउंट है सिर्फ एक पार्लियामेंट की तनख़ा का। जहां की मेंबरशिप खत्म हो गई और दूसरा उत्तर प्रदेश की विधानसभा का लखनऊ का बैंक अकाउंट। उसके अलावा पूरी दुनिया में हमारा कुछ है तो जाओ भाजपा वालों तुम्हारे नाम कर दिया।

देखो कभी जाकर अंग्रेज ने कैसा शहर बसाया था…

आजम खान ने कहा हिंदुस्तान के हर मजलूम के लिए यह उसूल वाजिब है और इसी उसूल से हिंदुस्तान के लोगों ने सात समंदर पार के फिरंगीओं को भगाया भी है। कभी नहीं जाता अंग्रेज, अंग्रेज ने हिंदुस्तान से जाने के लिए कोलकाता नहीं बनाया था। देखो कभी जाकर अंग्रेज ने कैसा शहर बसाया था। उसने गोवा हिंदुस्तान से जाने के लिए नहीं सजाया था, उसने दिल्ली का कनॉट प्लेस जाने के लिए नहीं बनाया था, उसने लखनऊ का हजरतगंज हिंदुस्तान से जाने के लिए नहीं बनाया था। राष्ट्रपति भवन हिंदुस्तान से जाने के लिए नहीं बनाया था।

…और आज आजाद हिंदुस्तान पर बापू के खून की छींटे हैं

किसने भगाया उन्हें एक लाठी वाले ने, एक उसने जिसके जिस्म पर सिर्फ उतनी ही कपड़े की धज्जी थी जिससे उसके जिस्म का जरूरी हिस्सा ढका जा सकता हो, जाड़ा हो, गर्मी हो, या बरसात हो उसे पूरे हिंदुस्तान में बाबा ए कॉम कहा। राष्ट्रपिता कहा वह किसी की मां के शौहर नहीं थे। लेकिन हिंदुस्तान के हर बच्चे के बाप थे, इसलिए क्योंकि उन्होंने गुलामी से आजादी दिलाई थी, दे दी हमें आजादी बिना किसी चीज के, कोई जंग नहीं हुई एक चौकी जला दी गई तो बापू ने डांडी मार्च खारिज कर दिया। उ

न्होंने कहा कि एक ऐसा हिंदुस्तान जो किसी के खून के धब्बों पर आजाद हो मुझे ऐसा आजाद हिंदुस्तान नहीं चाहिए। आज क्या हो रहा है। आजाद किए हुए हिंदुस्तान पर बापू के खून की छींटे हैं बापू की हत्या और मरते वक्त कौन सा शब्द निकला था बापू के नाम से हे राम और आज राम के नाम पर एक बापू की हत्या।

टीपू के हाथ से उतारी गई अंगूठी पर राम लिखा था…

आजम खान ने कहा, मालूम है नौजवानों सुल्तान टीपू के हाथ से तो अंगूठी उतारी गई जो आज भी बलदानिया के म्यूजियम में है और यह बताओ उन लोगों को जो नफरत का संदेश देते हैं। नफरत का पैगाम देते हैं और फिर इंसान को इंसान से लड़ाते हैं और धर्म को धर्म से और जात को जाति से लड़ाते हैं। यह बलदानिया के म्यूजियम में सुल्तान टीपू की जो अंगूठी कत्ल करके उतारी गई थी उसे रंग अंगूठी पर राम लिखा हुआ है। यह अंगूठी टीपू सुल्तान के हाथ से उतरी हुई थी। यह था हिंदुस्तान एक अंग्रेज के हाथों मारे हुए और एक अपनों के हाथों से कत्ल किए हुए।

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