कोलकाता: पश्चिम बंगाल के चर्चित शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार बड़े नेता पार्थ चटर्जी और उनकी महिला मित्र अर्पिता मुखर्जी फिलहाल जेल की हिरासत में हैं. इस बीच ईडी उनके बारे में लगातार खुलासे कर रही है. बताया जा रहा है कि अर्पिता के बेलघरिया स्थित फ्लैट पर दो कंपनियां रजिस्टर्ड हैं.
इसके साथ ही इन कंपनियों के तहत प्रॉपर्टी डीलिंग का भी काम होता रहा है, इसके जरिए प्रॉपर्टी डीलिंग में बड़ी रकम का निवेश किया गया है. इसके अलावा हवाला कारोबार से कंपनियों के भी संबंध इसलिए सामने आए हैं क्योंकि यहां बड़े पैमाने पर पैसे की तस्करी होती रही है, इसलिए इसमें दूसरे लोग भी शामिल हैं.
इसके अलावा आरोप लगाया जा रहा है कि इसमें सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित प्रशासन के अधिकारी भी शामिल हैं, इसलिए ईडी के अधिकारी बड़े पैमाने पर पूछताछ की तैयारी कर रहे हैं. कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में कोलकाता सरकार में पार्थ चटर्जी और अर्पिता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।
साझा संपत्तियों के दस्तावेज भी लगे ईडी के हाथ
अब इन दोनों के नाम से कई साझा संपत्तियों के दस्तावेज प्रवर्तन निदेशालय के हाथ लगे हैं। उसमें से एक दस्तावेज ऐसा भी मिला है जो 10 साल पहले खरीदा गया है। यानी ममता बनर्जी की सरकार आने के एक साल बाद। लेकिन उसमें पार्थ चटर्जी ने अपने कॉलेज के जमाने की तस्वीर का इस्तेमाल किया है। इसे लेकर अधिकारियों का संदेह गहराता जा रहा है।
इस दस्तावेज में देखा जा सकता है कि पार्थ की तस्वीर के जरिए उन्हें पहचानना संभव नहीं है क्योंकि वह शारीरिक तौर पर भारी-भरकम आदमी हैं लेकिन तस्वीर में बिल्कुल दुबले-पतले और युवा दिख रहे हैं। ईडी अधिकारियों ने बताया है कि यह तस्वीर पार्थ चटर्जी के कॉलेज के जमाने की है जब वह यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। दावा किया जा रहा है कि अपनी पहचान छिपाने के लिए उस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया है।
हालांकि उन्होंने नीचे अपने नाम के साथ हस्ताक्षर किया है। इस बारे में भी दोनों से पूछताछ हो रही है। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर जांच में शामिल ईडी के एक अधिकारी ने बताया है कि यह दस्तावेज एक फ्लैट का है। यहां अमूमन अर्पिता और पार्थ आते-जाते रहे हैं। एक साथ दोनों के कम से कम आधे दर्जन से अधिक संपत्ति होने के साक्ष्य मिले हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है।