नई दिल्ली : (CBI) केंद्रीय जांच ब्यूरो ने सोमवार को बड़ा दावा करते हुए राज्यसभा और अन्य सरकारी संगठनों में 100 करोड़ रुपये में सीटों का वादा कर रैकेट चलाने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, सीबीआई ने दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र के सात स्थानों पर छापेमारी की, जहां से उन्हें आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए है। आरोपियों की पहचान करमालाकर प्रेमकुमार बंदगर, रवींद्र विट्ठल नाइक, महेंद्र पाल अरोड़ा और अभिषेक बूरा के रूप में हुई है। वहीं, एक पांचवें आरोपी की भी पहचान हुई है, जिसका नाम मोहम्मद अलाज खान है, वो अभी फरार है।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद, चारों आरोपियों ने राउज एवेन्यू कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका दायर की, जिसने उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया। बंदगर अपने आपको फर्जी तरीके से सीबीआई अधिकारी के तौर पर पेश करता था।
आपको बता दे कि सीबीआई अधिकारी कुछ कॉलों को इंटरसेप्ट कर रहे थे, जिसके चलते उन्होंने रैकेट का भंडाफोड़ किया है। अधिकारियों के मुताबिक, आरोपियों ने राज्यसभा में सीटों की व्यवस्था, राज्यपाल के रूप में नियुक्ति, केंद्र सरकार के मंत्रालयों और विभागों के तहत विभिन्न सरकारी संगठनों में अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति के लिए झूठा आश्वासन देकर निजी व्यक्तियों को धोखा देने के लिए बड़ी साजिश रची थी।
अरोड़ा ने साजिश रची और बंदगर के साथ इस विचार पर चर्चा की और उन्होंने ऐसे लोगों को चुना, जो उन्हें अच्छी रकम दे सकते थे। बाद में उनके साथ अन्य आरोपित भी शामिल हो गए। बंदगर ने यह भी दावा किया कि उनकी सरकार में अच्छी पकड़ हैं।
सीबीआई के मुताबिक अपने लक्ष्यों (धोखाधड़ी के लिए टारगेट करने वाले व्यक्ति) को प्रभावित करने के लिए, आरोपी बंदगर, अरोड़ा, खान और नाइक यह दिखाते थे कि उनकी सरकार में अच्छी पकड़ है। बूरा उनके साथ बिचौलिए का काम कर रहा था।
बंदगर सीबीआई अधिकारियों के तौर पर पुलिसकर्मियों को भी बुलाता था और उन्हें अपने दोस्तों की मदद करने की धमकी देता था। उसने अपने ज्ञात व्यक्तियों के मामलों की जांच को प्रभावित करने का भी प्रयास किया था।