उमेश पाल के हत्याकांड के बाद माफिया अतीक का परिवार प्रयागराज पुलिस पर एक के बाद एक लगातार आरोप लगा रहा है। बीते दिन अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि पुलिस उनके दोनों बेटों एजम और अबान को उठाकर ले गई है। लेकिन अब खबर सामने आ रही है कि उनके छोटे भाई अशरफ की पत्नी जैनब और उसकी बेटी के भी लापता होने का मामला सामने आया है। बता दें कि बरेली जेल में बंद अशरफ के ससुर यानी जैनब के पिता का आरोप है कि 28 फरवरी को धूमनगंज पुलिस दोनों को पूछताछ के नाम पर हिरासत में ले गई थी। वहीं, प्रयागराज पुलिस ने कहा है कि उन्होंने न तो जैनब और न उनकी बेटी को हिरासत में लिया है और न ही घर से उठाया है। अशरफ अभी बरेली जेल में बंद है। ऐसे में अब यह सवाल और गहराता जा रहा है कि आखिर अतीक के दोनों बेटे और अश्रफ की पत्नी और बेटी कहां हैं। परिवार का आरोप है कि इन दोनों को पुलिस पूछताछ के नाम पर हिरासत में लेकर गई है।
पुलिस की कस्टडी में नहीं है अतीक के बेटे
बता दें कि इससे पहले अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन द्वारा पुलिस पर आरोप लगाया गया था कि पुलिस दोनों बेटों एजम और अबान को उठाकर ले गई है। अस बाबत सीजेएम कोर्ट में शाइस्ता परवीन द्वारा याचिका दर्ज की गई थी। इस मामले पर प्रयागराज पुलिस से कोर्ट ने रिपोर्ट मांगी थी। इस मामले पर प्रयागराज पुलिस ने कहा था कि अतीक अहमद के बेटे एजम और अबान उनकी कस्टडी में नहीं है। पुलिस ने रिपोर्ट में स्पष्ट बताया है कि अतीक अहमद के बेटों के मद्देनजर कोई भी विवरण उनके पास उपलब्ध नहीं है। पुलिस का कहना है कि उन्होंने अतीक अहमद के बेटों को घर से नहीं उठाया है।
बरेली जेल में बंद है अशरफ
बता दें कि अशरफ फिलहाल जेल में बंद है। अशरफ के ससुर यान जैनब के पिता मंसूर अहमद ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया है। इस प्रार्छना पत्र में उन्होंने कहा है कि 28 फरवरी की रात उनकी बेटी और नातिन को अवैध तरीके से पुलिस ने हिरासत में लिया है। शुक्रवार को कोर्ट में मंसूर अहमद के प्रार्थना पत्र की सुनवाई की गई। इस मामले पर न्यायिक मिजिस्ट्रेट को दिए जवाब में धूमनगंज पुलिस ने कहा कि जैनब और उनकी बेटी न ही हिरासत में लिया गया है और न ही थाने में बिठाया गया है।
अतीक अहमद को सता रहा एनकाउंटर का डर
उमेश पाल हत्याकांड के बाद अतीक अहमद और खालिद अजीम उर्फ अशरफ की नींद उड़ी हुई है। अब उन्हें डर सताने लगा हैं कि कहीं विकास डूबे जैसा ही हा उनकता भी न हो जाए। यानी की कहीं उनका भी एनकाउंटर ना कर दिया जाए। दोनों ओर से उनके वकील ने प्रयागराज के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के यहां प्रार्थना पत्र दिया है कि उनकी उमेश पाल हत्याकांड मामले में पूछताछ के लिए न्यायिक अभिरक्षा रिमांड न दी जाए। अगर पुलिस को वारंट B के तहत पुलिस अभिरक्षा दी गई तो उनकी हत्या कराई जा सकती है। पुलिस के अधिकारी न्यायालय को धोखे में रखकर साजिश के तहत अभिरक्षा चाहते हैं। हाल ही में शाइस्ता परवीन ने CM योगी को भी पत्र लिखा है। पत्र में सीएम योगी से उमेश पाल हत्याकांड की सीबीआई जांच करने की मांग की है। यह अशंका भी जताई है कि उनके बेटों और शौहर अतीक अहमद की हत्या हो सकती है। अतीक अहमद के अधिनवक्ता खान सौलत हनीफ ने कहा कि यह पत्र शाइस्ता परवीन की ओर से सीएम के पोर्टल पर भेजा गया है। अभी हाल ही में बसपा से जुड़ी शाइस्ता परवीन ने लिखा है कि इस हत्याकांड से उसके परिवार का कोई लेना देना नहीं है। शाइस्ता ने योगी आदित्यनाथ से इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की है।