सीएम योगी ने जनता से जुड़ी समस्याओं के समाधान और शिकायतों के निस्तारण में टालमटोल, लेटलतीफी करने और शिकायतकर्ता को टरकाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। इस कड़ी में 24 जिलों के अधिकारियों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। सीएम कार्यालय ने समीक्षा में लखनऊ के पुलिस अफसरों की कार्य प्रणाली को भी गलत पाया है। जिलों में डीएम कार्यालय और 16 जिलों में पुलिस विभाग के नोडल अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एसीएस नियुक्ति और 16 जिलों में पुलिस विभाग के नोडल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भी लिखा है।
इन जिलों के पुलिस विभाग पर गिरेगी गाज
बता दें कि आजमगढ़, बागपत, सोनभद्र, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, पीलीभीत, एटा में जिला जिलाधिकारी कार्यालय से संबंधित आईजीआरएस पोर्टल पर आवेदकों के मोबाइल नंबर फीड नहीं किए गए। हरदोई, रायबरेली, लखनऊ, कासगंज, बलिया, मैनपुरी, सहारनपुर, बाँदा, कानपुर आउटर, बस्ती, अमेठी, हाथरस, हमीरपुर, मथुरा और संतकबीरनगर में पुलिस से जुड़ी जन शिकायतों की समीक्षा में लापरवाही पाई गई।
सीएम योगी ने जनशिकायतों की मेरिट आधारित तीव्र समाधान की समीक्षा की
यूपी के सीएम योगी ने पिछले दिनों शासन, जोन, मंडल, रेंज व जिला स्तर के अधिकारियों के साथ जनशिकायतों की मेरिट आधारित तीव्र समाधान की समीक्षा की थी। इस दौरान सामने आया था कि जिलों से लेकर विभिन्न स्तरों तक शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, टालमटोल और टालने की प्रवृत्ति चल रही है। जिसके बाद फैसला लिया गया कि जनता से जुड़ी समस्याओं के समाधान और शिकायतों के निस्तारण में टालमटोल, लेटलतीफी करने और शिकायतकर्ता को टरकाने पर संबंधित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कार्य का मापदंड तय करेगी शिकायकर्ता की संतुष्टि
इसके अलावा शिकायतकर्ता की संतुष्टि ही अधिकारियों के कार्य का मानक मानी जाएगी। शिकायतों का समय पर निस्तारण ही प्रमोशन का आधार है और लापरवाही कार्रवाई का कारण बनेगी। सीएम कार्यालय ने इसके लिए 20 सूत्रीय चेकलिस्ट भी जारी की है। सीएम योगी ने शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही, हीलाहवाली और टरकाने की प्रवृत्ति को गंभीरता से लिया है। जिसके बाद सीएम कार्यालय ने पहली बार रैंडम गुणवत्ता परीक्षण में खराब निस्तारण मिलने पर आईजीआरएस के माध्यम से स्पष्टीकरण लेने और स्पष्टीकरण के संतोषजनक न होने पर दोषी अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का प्रावधान किया।
गुणदोष के आधार पर होगी कार्यवाही
सीएम कार्यालय ने समीक्षा में पाया कि शिकायतों के निस्तारण में संबंधित अधिकारी फाइल पर अक्सर टालमटोल वाली टिप्पणी कर देता है। अंतरिम कार्यवाही के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है। साथ ही पात्रता की जांच की जा रही है। आवेदक को कार्यालय में अभिलेख प्रस्तुत करने के लिए कहा है। कार्य शीघ्र कराया जाएगा। जांच अधिकारी नामित है। जांच चल रही है। संबंधित से विवरण मांगा गया है और आवेदक की ओर से अभिलेख प्रस्तुत करने पर गुणदोष के आधार पर कार्यवाही की जाएगी।