यूपीः उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. साल 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ भाषण देने के मामले में मुकदमा चलाने की मांग को खारिज कर दिया था. इससे पहले मई 2017 में प्रदेश सरकार ने मामला चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था.
इस आधार पर अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था कि मुकदमे में कोई सबूत नहीं हैं. दरअसल, सरकार का कहना था इस मामले में पर्याप्त सबूत नहीं हैं, जिसे 2018 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने भी बरकरार रखा था. हाईकोर्ट के आदेश के बाद इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई 2018 को याचिकाकर्ता राशिद खान को योगी आदित्यनाथ समेत सभी अभियुक्तों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया था. हालांकि, योगी आदित्यनाथ को बड़ी राहत देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गोरखपुर दंगों में उनकी भूमिका की जांच की मांग को खारिज कर दिया था.
जानकारी के अनुसार, याचिका में 2007 के गोरखपुर दंगों में सीएम योगी आदित्यनाथ की भूमिका की केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा फिर से जांच करने की मांग की गई थी. इस दौरान, हाईकोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
गौरतलब है कि सीएम योगी आदित्यनाथ को 2007 में शांति भंग करने और हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प में एक युवक की मौत के बाद उन्होंने समर्थकों के साथ जुलूस निकाला था.
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