2024 में होने वाले आम चुनाव को लेकर सभी पार्टियां तैयारियों में जुटी है। जनता से लोकलुभावने वादे किए जा रहे हैं। जगह-जगह पर राजनीतिक रैलियां हो रही है। बड़ी-बड़ी सौकातें दी जा रही हैं। वहीं इस कड़ी में डबल इंजन की सरकार बीजेपी ने भी उत्तर प्रदेश की सभी लोकसभा सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है। सत्ताधारी पार्टी उन सीटों पर ज्यादा फोकस कर रही है जिन्हें वह 2019 में हार गई थी। चार दिग्गजों को इन क्षेत्रों में पार्टी की ताकत व कमजोरी का आकलन करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
हारी हुई 14 लोकसभा सीटों पर खिलेगा कमल…?
राज्य में गैर बीजेपी के कब्जे वाली सीटों में बिजनौर, रायबरेली, घोसी, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, गाजीपुर, श्रावस्ती, मैनपुरी, लालगंज, जौनपुर, अंबेडकरनगर, सहारनपुर और नगीना शामिल हैं। इनमें से रायबरेली पर कांग्रेस पार्टी की सोनिया गांधी का कब्जा है। वहीं तीन लोकसभा सांसद समाजवादी पार्टी के हैं। जिनमें डिंपल यादव मैनपुरी, एसटी हसन मुरादाबाद और शफीकुर्रहमान बर्क संभल की कमान संभाल रहे हैं। वहीं राज्य में 10 लोकसभा सांसद बसपा के हैं।
इन चार दिग्गजों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने जानकारी देते हुए बताया कि पार्टी ने चार केंद्रीय मंत्रियों नरेंद्र सिंह तोमर, अश्विनी वैष्णव, अन्नपूर्णा देवी, और जितेंद्र सिंह को हारी हुई सीटों की ताकत, कमजोरी, चुनौतियों और खतरों का आकलन करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इन मंत्रियों ने पहले चरण में हारे हुए क्षेत्रों का आकलन कर पार्टी को एक रिपोर्ट सौंपी है। वहीं बीजेपी की राज्य इकाई के महासचिव अमरपाल मौर्य को इन 14 सीटों पर संगठन और सरकार के बीच कॉरडिनेशन की जिम्मेदारी सौंपी दी गई है।

बता दें कि पिछले महीने कार्यसमिति की राज्य इकाई की बैठक में यूपी बीजेपी प्रमुख भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पदाधिकारियों को प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर जीत की जिम्मेदारी सौंपी थी।