यूपी के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना अपने बजट भाषण के दौरान किसानों पर भी खुलकर बोले। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार द्वारा प्रदेश के लगभग 46 लाख 22 हजार गन्ना किसानों को साल 2017 से अब तक 1,96,000 करोड रूपये से अधिक का रिकार्ड गन्ना मूल्य भुगतान कराया गया, जो साल 2012-2017 तक की अवधि में किए गए कुल गन्ना मूल्य भुगतान 95,125 करोड़ रूपये से 86,728 करोड़ अधिक है।
‘PFMS पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान‘
उन्होंने बताया कि गन्ना उत्पादकता में 1,00,875 टन प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है तो वहीं किसानों की आय में औसतन 349 रुपये प्रति कुंतल की दर से 34,656 रुपये प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। इसके अतिरिक्त गन्ने के साथ फसली खेती से कृषकों को करीब 25 फिसदी की अतिरिक्त आय हुई।
उन्होंने आगे कहा कि रबी विपणन वर्ष 2022-2023 में 2015 रुपये प्रति कुंतल गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित था। विपणन साल के दौरान 87991 किसानों से 3.36 लाख मीट्रिक टन गेहूँ का क्रय किया गया। जिसके सापेक्ष किसानों के खातों में पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 675 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिला किसानों को लाभ’
बताया कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 के अंतर्गत भारत सरकार ने कॉमन श्रेणी हेतु रु. 2040 और ग्रेड ए के लिए रु. 2060 प्रति कुंतल मूल्य निर्धारित किया है। अद्यतन 62.66 लाख मीट्रिक टन धान क्रय किया गया है। जिसके सापेक्ष पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से 10.30 लाख किसानों के बैंक खातों में 12 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया है।
वहीं प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत साल 2022-2023 में अब तक 51.639.68 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की गई।
इसके अलावा किसानों के निजी नलकूपों के क्षतिग्रस्त परिवर्तकों को निर्धारित समय में बदला जा रहा है। प्रदेश के डार्क जोन में किसानों को निजी नलकूप कनेक्शन देने पर लगे प्रतिबंध को हटाया गया। जिससे एक लाख किसान लाभान्वित हुए हैं।