उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नगर निगम अपनी जमीनों को लेकर के काफी सजग दिखाई दे रहा है। राजधानी लखनऊ में नगर निगम की जमीनों पर अवैध रूप से बड़ी संख्या में लोगों ने कब्जा कर रखा हैं। लेकिन नगर निगम की सुस्ती के चलते अभी तक इन कब्जा की गई जमीनों को छुड़ाया नहीं जा सका है। लेकिन वर्तमान नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर निगम के अवैध कब्जे वाली जमीनों को चिन्हित करने का निर्देश सभी ज़ोन के जोनल अधिकारियों को दिया है। साथ ही सभी ज़ोन में जोनल अधिकारियों की अगुवाई में 5 सदस्य टीम बनाई जो अवैध रूप से कब्जे वाली जमीनों को चिन्हित करेगी। पिछले 20 दिनों में राजधानी में लगभग 90 करोड़ कीमत की कब्जे वाली जमीन को नगर निगम ने छुड़ाया है। वहीं साथ ही अवैध रूप से कब्जा करने वाले लोगों पर कार्यवाही भी की गई।
लगभग 2000 बीघा पर अवैध कब्जा
आपको बता दें कि 2019 में लखनऊ नगर निगम सीमा में 88 नए गांव जोड़े गए थे। जिनकी लगभग 16000 बीघे जमीन नगर निगम को मिली थी। अनुमान लगाया जा रहा है कि लगभग 2000 बीघे जमीन पर अवैध रूप से कब्जा है। जिसको छुड़ाने के लिए नगर निगम पूरी तरह तत्पर दिखाई दे रहा है। अगर बात करें इस महीने की तो 1 मई को नगर निगम ने 15 करोड़ रुपये कीमत की 25 बीघा जमीन खाली कराई थी। उसके बाद 7 मई को 58 करोड़ कीमत की 23 बीघा जमीन से अवैध कब्जा नगर निगम ने हटाया था। एक बार फिर नगर निगम का बुलडोजर अवैध कब्जे पर चला। सरोजनी नगर तहसील के अंतर्गत नगर निगम की लगभग 15000 स्क्वायर फीट जमीन जिसकी कीमत लगभग 3 करोड़ 70 लाख रुपए है। ऐसे में नगर आयुक्त ने साफ संकेत दिया है कि राजधानी में अवैध रूप से नगर निगम की जमीन पर कब्जा करने वालों पर आगे भी ऐसी ही कार्यवाही होती रहेंगी।