Heavy Rainfall: देश के कई राज्यों में लगातार हो रही झमाझम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, जलजमाव से लोगों को काफी दिक्कतों का समना करना पड़ रहा है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में बाढ़ प्रभावित गांव सुंदरनगर के सुरेश ने डीएम को बताया कि सर, बाढ़ में हम घर छोड़ने को मजबूर हैं. दो वक्त की रोटी के लाले है. अब या तो गोली मार दो या किसी सुरक्षित जगह पर बसने का इंतजाम करो. डीएम ने समस्या के निराकरण का आश्वासन दिया है.
गुरुवार को डीएम अविनाश कुमार ने बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों की शरणस्थली बने हेतमापुर-सुंदरनगर तटबंध का निरीक्षण कर बाढ़ पीड़ितों का हाल जाना. साथ ही डीएम ने हेतमापुर गांव के अंदर जाकर बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लिया. भोजन वितरण के संबंध में भी किसी तरह की सूची न बनाए जाने पर डीएम ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि कोई भी राहत सामग्री वितरण करने से पहले एक सूची तैयार कर लें. सूची नहीं बनाए जाने से अव्यवस्था होती है और सवाल भी उठते हैं.
राशन किट तटबंध की आवश्यकता पर जनक लाल, संतोष व मन्नू अपने परिवार सहित बसे और अन्य ग्रामीणों सहित अन्य ग्रामीणों ने पका हुआ भोजन वितरण व्यवस्था बंद कर राशन किट उपलब्ध कराने की मांग की. ग्रामीणों ने बताया कि दोपहर 12 बजे तक खाने के पैकेट मिलता हैं. बच्चे उसके इंतजार में भूखे रहते हैं. इस बीच खंड विकास अधिकारी सूरतगंज व सहायक विकास अधिकारी भी मौके पर नहीं दिखे, जिसके बाद उनसे स्पष्टीकरण लेने के निर्देश दिए गए.
बाढ़ पीड़ितों से मिलने पहुंचे डीएम
डीएम के निरीक्षण की जानकारी सभी को पहले से थी, बावजूद इसके तटबंध पर एक ही पुलिसकर्मी नजर आया था. डीएम ने सीओ फतेहपुर को फोन कर आपत्ति जताते हुए कहा कि पुलिस सहयोग नहीं कर रही है. नाव से कुछ दूर जाने के बाद डीएम करीब एक किलोमीटर पैदल चलकर हेतमापुर गांव पहुंचे. गांव के लोगों से वहां पक्के पुल की स्थिति के बारे में पूछा गया.हालांकि निरीक्षण के बाद डीएम ने समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है.