यूपीः केंद्र सरकार और प्रदेश की योगी सरकार गरीबों की बेहतरी के लिए आवास, शौचालय जैसी कई अहम योजनाएं चला रही है. सरकार की ओर से चलाई जा रही योजनाओं में स्वच्छ भारत मिशन योजना गरीबों के लिए काफी अहम साबित हो रही है.
स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत सरकार शौचालयों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है जिससे गरीबों को खुले में शौच के लिए न जाना पड़े. लेकिन सरकार के कुछ भ्रष्ट प्रतिनिधि सरकार की नीयत को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं.
दरअसल ये मामला यूपी के चंदौली जिले के शहाबगंज विकास खण्ड अंतर्गत बड़ौरा गाँव का हैं. यहां पूर्व प्रधान पौधारी देवी और तत्कालीन पंचायत सचिव विकास सिंह ने करीब तीन सौ शौचालयों का निर्माण कागज पर दिखाकर सरकार के लाखों रुपये हड़प लिए.
जबकि पिछले दो वर्षों से स्थानीय नागरिकों द्वारा मुख्यमंत्री पोर्टल के माध्यम से शौचालय निर्माण में धांधली की शिकायत की जा रही थी. सचिव विकास सिंह को बचाने के लिए अधिकारियों दो साल तक हर संभव कोशिश की. शौचालय में गड़बड़ी के मामले में थककर डीएम से शिकायत की गई थी.
300 शौचालयों के हड़पे पैसे
डीएम के आदेश के बाद एडीओ पंचायत अरविंद सिंह ने टीम बनाकर गांव में शौचालय की जांच कराई. एडीओ पंचायत की जांच में 458 शौचालयों में से 143 शौचालय और 27 अर्धनिर्मित शौचालय पाए गए. जबकि लगभग 300 शौचालयों का निर्माण कागज पर दिखाकर सेक्रेटरी विकाश सिंह और पूर्व प्रधान ने हड़प लिए. अब इस मामले में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या मामला सामने आने पर अधिकारी भ्रष्ट सचिव और पूर्व मुखिया के खिलाफ कार्रवाई करते हैं या अपने प्रभाव के चलते दोषियों को क्लीन चिट देकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं.