खबर जनपद पीलीभीत से है, जहां मानसून की बेरुखी से किसानों की बेचैनी बढ़ रही है। डीजल महंगा होने और भरपूर बिजली न मिलने से किसान धान रोपाई करने की चिंता से परेशान हैं। किसानों की मानें तो मानसून में देरी होने से धान की रोपाई प्रभावित हो रही है। हालांकि कुछ बड़े काश्तकारों ने रोपाई करानी शुरू कर दी है लेकिन अधिकांश किसानों के खेत रोपाई करने के लिए तैयार हैं। वह बारिश का इंतजार देख रहे हैं।
क्या बोले किसान?
पूरनपुर और कलीनगर व बीसलपुर तहसील क्षेत्र में बड़े रकबे में धान फसल की पैदावार होती है। किसानों का कहना है कि जून के पहले सप्ताह तक मानसून दस्तक दे जाता था। झमाझम बरसात होने से धान की रोपाई भी शुरु कर दी जाती थी। मानसून को ध्यान में रखते हुए किसान 10 से 15 जून तक हर हाल में रोपाई शुरू कर देते थे।जब से साठा धान की फसल लगाने का दौर शुरू हुआ तब से जलस्तर काफी घट गया है।
किसानों को सताने लगी है चिंता
इस बार भी पूरनपुर क्षेत्र में बड़े पैमाने पर साठा धान लगा है। किसान दिन रात ट्यूबेल चलाकर उसकी सिंचाई की जा रही है। पानी के अंधाधुंध दोहन से जलस्तर काफी नीचे चला गया है। इससे बोरिंग और ट्यूबेल भी कम पानी निकालने लगे हैं। मौसमी धान की रोपाई में पानी की भरपूर आवश्यकता होती है। बरसात न होने के साथ ही ट्यूबेल के दगा दे जाने से किसानों को रोपाई चिंता सताने लगी है। जून महीना भी समाप्ति की ओर है लेकिन बरसात शुरू नहीं हुई है। जबकि पिछले साल 10 जून से बारिश होने लगी थी।
मायूस दिखाई दे रहे हैं किसान
मानसून के देरी से आने से धान की रोपाई प्रभावित है। किसान बादलों की ओर टकटकी लगाकर मानसून के आने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि क्षेत्र में कुछ बड़े काश्तकारों ने रोपाई करानी शुरू कर दी है। अधिकांश किसानों के खेत रोपाई करने के लिए तैयार हैं लेकिन बारिश न होने से किसान मायूस देखे जा रहे हैं।