Taj Mahal News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कई शहरों के नाम बदल चुकी है. हिंदू संगठन अभी भी कई और शहरों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं. अब भाजपा की आगरा ईकाई की तरफ से ‘प्यार की निशानी’ कहे जाने वाले ताज महल का नाम बदलने की मांग की गई है. इतना ही नहीं भाजपा के पार्षद ताजमहल का नाम बदलने के लिए आगरा नगर निगम में एक प्रस्ताव लाने की तैयारी भी कर रहे हैं.
आगरा में भाजपा के पार्षद शोभाराम राठौर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अब समय आ गया है कि ताजमहल का नाम बदल दिया जाए. उन्होंने बताया कि ताजमहल का नाम बदलने के लिए प्रस्ताव पूरी तरह से तैयार है. यह आज आगरा नगर निगम की बैठक में पेश कर दिया जाएगा.
शोभाराम राठौर के इस बयान के बाद आगरा नगर निगम के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है लेकिन नगर निगम के मेयर ने बताया कि ऐसा प्रस्ताव आया है. उन्होंने बताया कि यह प्रस्ताव सदन में पढ़ा जाएगा और सभी पहलुओं पर विचार के बाद आगे की कार्यवाही होगी.
भाजपा के पार्षदों की मांग है कि ताजमहल का नाम बदलकर ‘तेजो महालय’ कर दिया जाए. भाजपा के प्रस्ताव पर कांग्रेस के नेता और सीनियर एडवोकेट अमीर अहमद जाफरी ने आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि ‘क्या नगर निगम के पास यह अधिकार है कि वे ऐतिहासिक स्मारक को बदल सकें?’हालांकि अब सभी को 3 बजे शुरू होने वाली नगर निगम की मीटिंग का इंतजार है. बता दें कि फिलहाल तो ताजमहल के नाम पर चर्चा है लेकिन इससे पहले बीते कुछ समय में वहां 80 से ज्यादा सड़कों और चौराहों के नाम बदले जा चुके हैं.
‘ताजमहल पहले शिव मंदिर था’
पार्षद शोभाराम राठौर ने कहा कि ताजमहल के अंदर कमल चिह्न के अलावा तमाम ऐसे निशान मौजूद हैं, जो यह बात सिद्ध करते हैं कि यह ताजमहल पहले शिव मंदिर था, मुगल आक्रांताओ ने इसके स्वरूप को बदलकर इसका नाम ताजमहल कर दिया, यह राजा जयसिंह की संपत्ति थी, कोई भी कब्रिस्तान ऐसा नहीं है जहां पर महल बना हो.
गौरतलब है कि ताजमहल 1632 में बनकर तैयार हुआ था और आज 2022 में यानी 390 साल बाद ताजमहल का नाम बदलने की मांग की जाएगी. इस मामले आगरा नगर निगम के महापौर नवीन जैन का कहना है आगरा नगर निगम के पास ताजमहल का नाम बदलने का अधिकार नहीं है, लेकिन सदन में प्रस्ताव पास होने के बाद आगरा की जन भावनाओं की जानकारी के लिए केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेज दिया जाएगा.
नगर निगम में बीजेपी के सर्वाधिक मेंबर
आगरा नगर निगम में भाजपा पार्षदों की संख्या सर्वाधिक है, इसलिए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भाजपा पार्षद शोभाराम राठौर का यह प्रस्ताव आज पास हो सकता है और ताजमहल के साथ एक और बड़ा विवाद जुड़ सकता है. ताजमहल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा संरक्षित स्मारक है.
हालांकि अब सभी को 3 बजे शुरू होने वाली नगर निगम की मीटिंग का इंतजार है. बता दें कि फिलहाल तो ताजमहल के नाम पर चर्चा है लेकिन इससे पहले बीते कुछ समय में वहां 80 से ज्यादा सड़कों और चौराहों के नाम बदले जा चुके हैं.