उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव का बिगुल बज चुका है। जहाँ.. प्रथम चरण के मतदान के लिए मंगलवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.. वहीं.. नामांकन पत्र दाखिल करने का सिलसिला 17 अप्रैल तक चलने वाला है..पहले चरण में नौ मंडलों के 37 जिलों में चार मई को मतदान होने वाले हैं.. निकाय चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में गहमा-गहमी तेज हो गई है..
मायावती का मास्टर प्लान तैयार
सभी दलों की प्रतिष्ठा निकाय चुनाव से जुड़ी है, यही वजह है कि बीजेपी, सपा, बसपा, कांग्रेस सभी इसे लेकर अपनी अपनी रणनीति तैयार करने में जीजान लगा रहे हैं.. अगर पिछले नगर निकाय चुनाव पर नजर डाले तो महापौर में भाजपा ने 16 में 14 और बसपा ने बाकी 2 सीटें अपने नाम की थी.. पिछले चुनाव के समय दिलचस्प बात यह रही थी कि कांग्रेस का प्रदर्शन मुख्य विपक्षी दल सपा से काफी सही रहा था…
ऐसा इसलिए क्योंकि नगर निगम मेयर की इन 16 मे से 5 सीटों पर सपा दूसरे स्थान पर थी.. अब पार्टी के सामने उन दोनों सीटों को बचाए रखने के साथ-साथ नई सीटों पर जीत हासिल करने की बड़ी चुनौती है। 2012 विधानसभा चुनाव के बाद से बसपा की स्थिति काफी खराब रही है। अब इस बार के चुनाव के लिए बसपा की क्या रणनीति है बताते हैं आपको..
बसपा के लिए बनाई खास रणनीति
इस बार सपा का रालोद के साथ गठबंधन है ऐसे में सपा अपना समीकरण बेहतर करने की तमाम कोशिशें कर रही हैं। चुनाव की तैयारियों को लेकर लगातार बैठकें भी चल रही हैं.. मंथन हो रहा है। बसपा ने पिछली बार 2 सीटें अपने नाम जरूर की थी लेकिन बाद में मेरठ से महापौर सुनीता वर्मा ने पार्टी बदल ली थी। यही वजेह है कि बसपा प्रत्याशी चयन में खास ध्यान दे रही है.. इसे लेकर बसपा ने 2 अप्रैल कोएक बड़ी बैठक भी बुलाई थी। कहा जा रहा है कि इस बार निकाय चुनाव में बसपा युवाओं और महिलाओं को लेकर बड़ा प्रयोग करने की तैयारी में लगी हुई है..