अब यूपी में डीएल के ड्राइविंग टेस्ट में कोई भी फेल नहीं होगा। क्योंकि प्रदेश में 58 ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जाएंगे। राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में इसकी मंजूरी दे दी गई है। इसके अलावा यात्रियों की सुविधा के लिए एसटीए ने 137 रोडवेज बसों के परमिट नवीनीकरण को भी मंजूरी दी है।
कम पढ़े लिखे भी ले सकेंगे ट्रेनिंग
इस बीच डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर मयंक ज्योति ने जानकारी देते हुए बताया कि ड्राइवरों की लापरवाही से होने वाले सड़क हादसों को रोकने के लिए प्रदेश में 58 जिलों में ड्राइविंग सेंटर खुलेंगे। इन सेंटरों पर स्थाई लाइसेंस जारी करने करने से पहले ऑटोमेटिक मशीन से टेस्ट लिया जाएगा। वहीं इन सेंटरों पर कम पढ़े लिखे ड्राइवर भी ट्रेनिंग ले सकेंगे। इससे काफी हद तक सड़क हादसों में कमी आने की संभावना है।
बता दें कि इस बैठक में पूर्वांचल, कौशांबी, बुंदेलखंड, आगरा और मेरठ एक्सप्रेस-वे पर प्राइवेट बसों के संचालन को लेकर फैसला लिया जाना था। लेकिन कोर्ट ने इस मामले में स्टे लगा दिया। इस वजह से इसको स्थगित कर दिया गया। अब आगे होने वाली बैठकों में इस पर चर्चा की जाएगी।
आगरा में पर्यटकों को किराये पर दी जाएंगी बाइकें
वहीं सचिव मयंक ज्योति ने बताया कि उत्तराखंड की तर्ज पर यूपी में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए रेंट ऑन बाइक योजना को मंजूरी दी गई है। दरअसल आगरा की एक कंपनी ने आगरा में ही इस सेवा को शुरू करने की इच्छा जताई थी, जिसपर अब मुहर लगा गई है। कंपनी आगरा में पर्यटकों को किराये पर बाइक देगी, जिसके लिए किराया पहले से ही तय किया जाएगा। इस सुविधा से आगरा घूमने आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी। मयंक ज्योति ने आगे कहा कि अगर अन्य जिलों में भी कंपनियां इस तरह का आवेदन करतीं हैं तो उस पर भी विचार किया जाएगा।
साथ ही यूपी सरकार प्रदेश में कम से कम 17 अत्याधुनिक ड्राइविंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट स्थापित करने जा रही है। ये अगले साल जून तक बनकर तैयार हो जाएंगे। ड्राइविंग स्किल सिखाने के साथ ही ये इंस्टीट्यूट यात्रियों के लिए सड़कों को सुरक्षित बनाएंगे। वहीं सरकार ने 14 अन्य संभागों में प्रशिक्षण संस्थान स्वीकृत किए गए हैं।