उत्तर प्रदेश: राज्य के सीएम योगी ने सर्व शिक्षा अभियान के तहत श्रावस्ती से स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की थी. मैंने सपना देखा था. श्रावस्ती समेत पूरे प्रदेश में छात्रों की पंजीकरण संख्या अधिकतम हो और हर बच्चा स्कूल पहुंचे, लेकिन श्रावस्ती में एक ऐसी तस्वीर है जहां मुख्यमंत्री का सपना साकार हुआ.
दरअसल यहां पर स्कूल तक बच्चे तो अधिक पहुंचे लेकिन यहां स्कूल ही नहीं है यहां के बच्चे पीडब्ल्यूडी की सड़क पर खुले आसमान के नीचे शिक्षा ग्रहण करते लेकिन शिक्षा विभाग सब कुछ जानते हुए भी अपनी आंखें मूंद ली हैं. ये मामला श्रावस्ती जिले के जमुनहा के कथरा माफी गांव के सलारूपुरवा का है
यहां पर पीडब्ल्यूडी की सड़क पर एक सरकारी स्कूल चल रहा है, वहीं हरिहरपुर रानी शिक्षा क्षेत्र में बरंगा के नाम से यह प्राथमिक विद्यालय चलता था. साल 2017 तक इस स्कूल का अपना भवन था और बच्चे यहां शिक्षा ग्रहण करते थे, लेकिन 2017 में भीषण बाढ़ ने इस स्कूल को राप्ती नदी में निगल लिया.
जिसके बाद स्कूल कुछ दिनों तक टेंट में ही चला. लेकिन टेंट हटने के बाद यह स्कूल सड़क पर आ गया और आज तक सड़क पर चल रहा है. यहां दो शिक्षक पदस्थापित हैं, एक शिक्षामित्र और एक सहायक शिक्षक जो 120 बच्चों को शिक्षा देते हैं. यह बच्चों को मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित है.
शिक्षा विभाग ने जमीन के कागजात ले लिए, लेकिन आज तक इस जमीन पर स्कूल नहीं टिक सका, ऐसे में श्रावस्ती का शिक्षा स्तर जीरो लेवल पर कैसे जाएगा. यह सड़क बच्चों के लिए स्कूल कहां है और एमडीएम के खाने की जगह और खेल के मैदान को आखिर कैसे सजाया जाएगा, यह कल उनके लिए बड़ा सवाल है.