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Uttarakhand: अपने ही लोगों की वजह से धामी सरकार की किरकिरी, प्रदेश

Uttarakhand: अपने ही लोगों की वजह से धामी सरकार की किरकिरी, प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- ‘सार्वजनिक जगह पर बयानबाजी ना करें’

उत्तराखंड सरकार इन दिनों चर्चा में है। बीजेपी नेताओं के बीच बयानबाजी तेज होने के चलते पार्टी की किरकिरी हो रही है। इसी कड़ी में तीरथ सिंह रावत और त्रिवेंद्र रावत की बयानबाजी को लेकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने प्रभारी दुष्यंत गौतम से बात की है। उन्होंने दोनों नेताओं से भी बातचीत की है। इस दौरान महेंद्र भट्ट ने दोनों ही नेताओं से कहा गया है कि सार्वजनिक की जगह पार्टी के प्लेटफार्म पर अपनी बात रखें।

अगर उनको कुछ गलत लगता है तो पार्टी और सरकार को बताएं। पार्टी अधिकारियों पर कार्यवाही करेंगी। लेकिन सार्वजनिक जगह पर बयानबाजी ना करें। वहीं उन्होंने कहा कि आगे संगठन में इस तरह की योजना बना रहे हैं जिसमें सभी पूर्व मंत्रियों और पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात होती रहेगी। साथ ही धर्मांतरण कानून बहुत अच्छा है। सरकार ये अच्छा कदम उठा रही है।

स्मार्ट सिटी निर्माण की प्रगति निराशाजनक- त्रिवेंद्र रावत

दरअसल पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के कमीशन वाले बयान के बाद पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने भी एक बयान दिया। उन्होंने कहा कि देहरादून में स्मार्ट सिटी का काम अधर में ही है। उनके इस बयान के बाद सरकार में खलबली मच गई है। दरअसल त्रिवेंद्र रावत ने स्मार्ट सिटी निर्माण कार्य की प्रगति को निराशाजनक बताया है। उन्होंने आगे कहा कि पहले स्मार्ट सिटी का काम बहुत अच्छे से चल रहा था। लेकिन अब नहीं।

राज्य में बिना कमीशन के कोई काम नहीं होता- तीरथ सिंह रावत

गौरतलब है कि हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी कमीशनखोरी को लेकर इशारों ही इशारों में अपनी ही सरकार को निशाने पर ले लिया था। तीरथ सिंह ने कहा था कि राज्य में बिना कमीशन के कोई काम नहीं होता। इसके अलावा पूर्व सीएम ने प्रदेश में बढ़ते भ्रष्टाचार पर चिंता भी जताई। पूर्व सीएम ने यहां तक कहा कि मैं मुख्यमंत्री रहा हूं और मुझे शायद ऐसा नहीं कहना चाहिए।

परंतु मुझे इस भ्रष्टाचार को स्वीकार करने में कोई हिचक महसूस नहीं है। उन्होंने कहा कि जब हम यूपी से अलग हुए थे, उस समय वहां सार्वजनिक कामों के लिए 20 फिसदी तक कमीशन दिया जाता था। सन 2000 में उत्तराखंड उत्तर प्रदेश से अलग होकर अलग राज्य बना था। अलग राज्य होने के बाद तो कमीशन पर बैन लग जाना चाहिए था। लेकिन ये अभ्यास अब भी जारी रहा।  

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