वंदे भारत एक्सप्रेस का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। बता दें कि इस वायरल वीडियो में नरेंद्र मोदी सरकार की महात्लकांक्षी परियोजना और देश की पहली हाई-स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस में खाने की क्वालिटी की शिकायत सामने आई है। इस ट्रेन को प्रीमियम क्वालिटी रेल गाड़ियो में से एक माना जाता है। इसकी वजह है इस ट्रैन में मिलने वाली सुविधाएं। इस ट्रेन में खराब क्वालिटी के खाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है।
वहीं वायरल हो रहे इस वीडियो में देखा जा सकता है वंदे भारत ट्रेन में किस तरह से खराब क्वालिटी का खाना दिया जा रहा है। इस वीडियों को खुद वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री ने बनाया है। वीडियो करीब एक महीने पहले शुरू हुई वंदे भारत ट्रेन का बताया जा रहा है। यह वीडियो को उस समय बनाया गया है जब ट्रेन विशाखापत्तनम से हैदराबाद जा रही थी। यात्री के इस वीडियो पर IRCTC ने भी प्रतिक्रिया दी है। IRCTC इस वीडियो को लेकर एक ट्वीट किया और लिखा कि आपकी शिकायत को लेकर संबंधित अधिकारी को सूचित किया जा चुका है। उचित कदम उठाया जाएगा।
बता दें कि वायरल हो रहे इस वीडियो में दिख रहा है कि वंदे भारत से यात्रा कर रहा एक यात्री खाने के पैकेट में मिले समोसे को दबा रहा है और समोसे से काफी तेल निकल रहा है। यात्री ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि वंदे भारत ट्रेन में खाना काफी महंगा है, लेकिन क्वालिटी उतनी ही खराब है। बता दें वंदे भारत एक्सप्रेस पिछले साल उस समय भी चर्चाओं में आ गया था जब बेयरिंग में खराबी के कारण ट्रेन के पहिए जाम हो गए थे। नई दिल्ली-वाराणसी रूट पर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन में यह तकनीकी गड़बड़ी सामने आई थी। इसके चलते यात्रियों को काफी परेशानियाों का सामना करना पड़ा था।
उत्तर मध्य रेलवे के दनकौर और वैर स्टेशनों के बीच वंदे भारत ट्रेन के C-8 कोच के ट्रैक्शन मोटर में बेयरिंग डिफेक्ट आ गया था. इसके बाद खुर्जा स्टेशन पर यात्रियों को शताब्दी ट्रेन से रवाना किया गया था. इसके कारण ट्रेन अपने निर्धारित समय से काफी लेट चल रही थी. ट्रेन में तकनीकी गड़बड़ी की जानकारी मिलने के बाद एडीआरएम दिल्ली ने अपनी टीम के साथ इस ट्रेन का निरीक्षण किया था। इसके बाद एनसीआर टीम की मदद से बेयरिंग जाम को ठीक किया गया था. हालांकि, तकनीकी गड़बड़ी के कारण ट्रेन को खुर्जा स्टेशन तक 20 किमी प्रति घंटे की सीमित गति से लाया गया था।