महाराष्ट्र: नासिक के गांव दांडीची बारी के जल संकट पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने संज्ञान लिया है। आयोग ने महाराष्ट्र सरकार और केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को नोटिस जारी किया है। इस गांव में हालात भयावह है। जल संकट के कारण लोग गांव के पुरुषों से अपनी बेटियों की शादी तक नहीं करना चाहते हैं।
पानी को लेकर मचा हा-हाकार
यहां जल संकट इतने गंभीर है कि दूसरे गांव के पिता अपनी बेटी की यहां शादी करने से हिचकिचाते हैं. जल संकट के चलते महिलाओं को पानी लाने के लिये बहुत दूर जाना पड़ता है.अगर किसी की शादी हो भी जाती है तो नई दुल्हनें स्थिति का सामना करने में असमर्थ होकर अपने माता-पिता के घर लौट जाती हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने बुधवार को अपने बयान में कहा कि महिलाओं को हर गर्मियों में मार्च से जून तक एक पहाड़ी के तल पर लगभग सूख चुकी धारा से पानी लाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है, जिसमें काफी समय लगता है. ग्रामीणों को पानी की एक-एक बूंद के लिए रोजाना संघर्ष करना पड़ रहा है.
पैदल चलने को मजबूर
दांडीची गांव नासिक से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर है. गांव में पानी नहीं है. इसके लिए महिलाओं को करीब दो किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है. सुबह चार बजे से ही महिलाएं पानी लाने के लिए पैदल यात्रा पर निकल पड़ती है. कम से कम दो बार पानी लाना पड़ता है. महाराष्ट्र का नासिक जिला वैसे भी गंभीर जल संकट के लिए जाना जाता है. गर्मी के दिनों में भूस्तर बहुत नीचे चला जाता है. इसलिए कहीं-कहीं लोग जान जोखिम में डालकर कुएं के अंदर प्रवेश करते हैं तब जाकर पानी निकालते हैं. कुछ दिन पहले ही एएनआई ने खबर दी थी कि नासिक जिले के रोहिले गांव की महिलाएं कुएं का पानी लाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलती है. कुएं में कई महिलाएं गिर जाती हैं जिसके कारण कई बार गंभीर चोटें आती हैं.
(By:ABHINAV SHUKLA)