कहते है कि उम्र भले ही छोटी हो पर सोच बड़ी होनी चाहिए तभी तो उड़ान लंबी होगी। ऐसा ही कुछ करके दिखाया है यूपी के कानपुर की शान यशवर्धन ने, बता दें कि मात्र 11 साल कि उम्र में ये बच्चा सिविल सेवा, एनडीए और एसएससी के अभ्यार्थियों को निशुल्क कोचिंंग देता है। और अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से भी लोगों को पढ़ा रहा है। यशवर्घन का आईक्यू लेवल 129 हैं। यश 7 वीं क्लास के स्टूडेंट थे। उनके पैरेंट्स चाहते थे कि आईक्यू लेवल के हिसाब से बेटे का एडमीशन 09 वीं क्लास में हो जाए। लेकिन यूपी बोर्ड के गाइड लाइन के अनुसार 09 वी क्लास के लिए छात्र की उम्र 14 साल होनी चाहिए।

यश के पैरेंट्स 09 वीं क्लास में एडमीशन के लिए सीएम, शिक्षामंत्री, समेत यूपी बोर्च के सचिव और अधिकारियों से मुलाकात की थी। यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद यश का आईक्यू को देखते हुए 7 वी से सीधे 9 वीं क्लास में एडमीशन देने का फैसला किया है। इसके लिए परिषद के सचिव ने जिला विद्यालय निरीक्षक को पत्र जारी किया है। जिसने भी यश के टेलेंट के बारे में सुना हैरान रह गया।
यशवर्धन सिंह का बचपन स्कूल और किताबों के बीच बीता
यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह बताते हैं कि यशवर्धन सिंह का बचपन स्कूल और किताबों के बीच बीता है। जन्म के बाद से ही स्कूल के क्लास रुम यशवर्धन के प्ले ग्राउंड रहे हैं। किताबों के ढेर को पकड़कर खड़े होना और चलना सीखा हैं। इसी वजह से यश को किताबें अच्छी लगती है और किताबों से प्यार करता है। यश के पिता अंशुमन सिंह आगे बताते हैं कि यश की मां प्राथमिक विद्यालय में टीचर हैं। यश जब बहुत छोटा था, तो उस वक्त पत्नी की पोस्टिंग औरेया में थी। जिसकी वजह से यश की देखभाल नहीं हो पाती थी। यश अपनी मां के साथ स्कूल वैन से जाते थे और छुट्टी के बाद साथ वापस लौटते थे। स्कूल के क्लास रुम यश के लिए खेल का मैदान था।
मां के ही साथ कर रहा था पढ़ाई
यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह ने आगे कहा कि उनकी पत्नी कंचन पाल सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रही थीं। यश छोटा था, लेकिन उसने साथ में पढ़ना शुरू कर दिया। देखते ही देखते वह परफेक्ट हो गया। अब वह सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को भारतीय राज व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय इतिहास, भूगोल एवं समसामयिकी विषय पढ़ा रहा है।
यश को सातवीं से 09 वीं क्लास में प्रवेश देने की मिलि इजाज़त
हाल ही में यश के पिता डॉ. अंशुमन सिंह ने बताया की माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव दिव्यकांत शुक्ल का पत्र मिला है। पत्र जिला विद्यालय निरीक्षक को लिखा गया है। यश को सातवीं से 09 वीं क्लास में प्रवेश देने के लिए कहा गया है। इसके साथ यश अपनी इच्छानुसार विद्यालय भी चुन सकते हैं।