यूपी: योगी आदित्यनाथ का प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल और 100 दिनों का लक्ष्य व वादों की भरमार के बीच इरादों का इम्तिहान था. सरकार के प्रयासों से निर्धारित समय में कई लक्ष्य हासिल कर लिए गए, लेकिन कई लक्ष्य रह गए. भर्ती का सबसे ज्यादा इंतजार युवाओं को था.
योगी सरकार (Yogi Sarkar) के पहले 100 दिनों में बड़ा कर्ज मेला आयोजित करने का वादा पूरा किया गया. नव स्थापित 1.90 लाख इकाइयों को 16,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गई. मगर नई एमएसएमई नीति का अभी इंतजार है. 100 दिनों के भीतर लाने का भी वादा किया था.
इस बीच एमएसएमई विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि 1.90 लाख नई इकाइयों की स्थापना से करीब चार लाख लोगों को रोजगार मिला है. जिससे बाजार में मांग बढ़ेगी और उत्पादन के अन्य क्षेत्रों में भी तेजी आएगी. इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
विभाग ने इस अवधि में पांच सामान्य सुविधा केंद्र (सीएफसी) स्थापित करने के अपने वादे को भी पूरा किया है. सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमी सीएफ़सी में उपलब्ध तकनीकी सुविधाओं और मशीनरी का उपयोग करके अपने उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने में सक्षम होंगे.
आपको बता दें कि ये सीएफ़सी सिद्धार्थनगर, सीतापुर, अम्बेडकर नगर, आगरा आदि जिलों में स्थापित किए गए हैं. यह एमएसएमई उत्पादों को एमेजॉन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लाने में सफल रही है. इससे इन उत्पादों को देश-विदेश में आसानी से बाजार मिल रहा है.
प्रदेश में ये हुए प्रमुख काम
- अमृत योजना के अंतर्गत पेयजल की 19 परियोजनाएं
- नगर निकायों में 280 पिंक शौचालयों का निर्माण
- सभी 12022 वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण शुरू
- स्मार्ट सिटी शहरों में शुरू हुए 50 प्रोजेक्ट
- स्मार्ट सिटी में निर्माणाधीन 75 परियोजनाएं का काम पूर्ण
- राज्य स्तरीय स्मार्ट सिटी सेंट्रल डिजिटल मॉनिटरिंग सेंटर की स्थापना
- केंद्र और राज्य सरकार द्वारा चुने गए 17 स्मार्ट सिटी जिलों में से 102 निकायों को गोद लेना
- पीएम स्वानिधि योजना के तहत 84148 रेहड़ी-पटरी वालों को ऋण वितरण
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