नईदिल्ली। ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर को आज सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उनके खिलाफ दर्ज सभी 6 FIR में अंतरिम जमानत दे दी। इसके साथ ही कोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं कोर्ट ने जुबैर की गिरफ्तारी के आदेश पर भी सवाल उठाए हैं वहीं, अब जुबैर के खिलाफ दायर सभी मामलों की जांच दिल्ली में की जाएगी।

जमानत देते हुए सप्रीम कोर्ट ने क्या कहा
यूपी पुलिस द्वारा दायर सभी FIR को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी की शक्ति का प्रयोग संयम से किया जाना चाहिए और जुबैर को अंतहीन समय तक हिरासत में नहीं रखा जा सकता।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जुबैर के खिलाफ दर्ज सभी मामलों की जांच अब एक ही जांच एजेंसी करेगी। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में जुबैर के खिलाफ दर्ज 6 FIR को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की पूरी जाँच एक ही टीम करेगी। इस पूरे मामले में जांच के लिए गठित यूपी SIT को भी भंग कर दिया गया है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का मुकदमा रद्द करने से इंकार कर दिया है।
जुबैर पर पैसे लेकर ट्वीट करने का आरोप
सुनवाई के दौरान UP सरकार के वकील ने कहा कि जुबैर ने पूछताछ में कबूला कि ट्वीट करने के बदले उन्हें 2 करोड़ रुपए मिले हैं। मिसाल देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं पर विवादित बयान देने वाले बजरंग मुनि पर पुलिस ने कार्रवाई भी की, लेकिन फिर भी जुबैर ने उसकी पोस्ट वायरल कराई।

जुबैर की वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि जुबैर पर एक नई प्राथमिकी दर्ज की गई है। एक हाथरस मामले को छोड़कर सभी मामलों में ट्वीट ही एकमात्र विषय है, जिसपर उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि एक ट्वीट ही सभी मामलों में जांच का विषय बना हुआ है। जबकि इससे पहले 2018 के ट्वीट को लेकर दिल्ली में FIR दर्ज हुई थी। जिसमें जुबैर को जमानत भी मिल चुकी है। लेकिन, दिल्ली पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाकर उनका लैपटॉप जब्त कर लिया है।