Viral Video:बिहार चुनाव में RJD की सभा में नाबालिग बच्चे के किस बयान ने मचाई सियासी हलचल वायरल वीडियो से मचा बवाल

तेजस्वी यादव की रैली में नाबालिग बच्चे के हिंसक बयान ने बिहार की राजनीति में हंगामा मचा दिया। बीजेपी-जेडीयू ने इसे जंगलराज की संस्कृति बताया, जबकि आरजेडी पर भड़काऊ माहौल फैलाने के आरोप लगे।

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Viral Video from RJD Rally:बिहार विधानसभा चुनाव के बीच राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की एक रैली का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है। मामला समस्तीपुर के मोहिउद्दीननगर का है, जहाँ तेजस्वी यादव की सभा में एक छोटे बच्चे का विवादित बयान सामने आया। बच्चे के मंच पर कही बातों ने विपक्ष को आरजेडी पर हमला करने का मौका दे दिया।

रैली के दौरान तेजस्वी यादव के आने से पहले, हरे रंग का गमछा पहने एक नाबालिग बच्चे ने माइक संभाला और मैथिली में कुछ ऐसी बातें कहीं, जिनसे माहौल गर्मा गया।

क्या कहा बच्चे ने?

बच्चे ने मंच से गाते हुए कहा,
“लाठिया ले के घुमछी त कहय छही गवार गे, बन दही CM तेजस्वी भैया के त कट्टा लेके घुमबऊ ने त कहिहन रंगदार गे।”
इसका मतलब है – अगर हम लाठी लेकर घूमते हैं तो लोग हमें गंवार कहते हैं, लेकिन अगर तेजस्वी भैया मुख्यमंत्री बन गए तो हम कट्टा लेकर घूमेंगे और लोग हमें रंगदार कहेंगे।

बच्चे ने आगे कहा – “हम्मर चलावल गोली, तेजस्वी भैया के बोलल बोली, कहियो ना खाली जाय छैय हो।” यानी हमारी चलाई गोली और तेजस्वी भैया की कही बात कभी खाली नहीं जाती।

विपक्ष के तीखे हमले

इस वीडियो के सामने आते ही बीजेपी और जेडीयू ने आरजेडी पर निशाना साधा। जेडीयू के एमएलसी नीरज कुमार ने इसे हिंसक सोच और ‘जंगलराज’ की वापसी का संकेत बताया। उन्होंने कहा, “तेजस्वी यादव के मंच से बच्चा ऐसी भाषा बोलता है और वहाँ बैठे नेता तालियाँ बजाते हैं! यही है राजद का संस्कार?”

वहीं, बिहार बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसे “तेजस्वी शिक्षा मॉडल” बताया। उन्होंने लिखा, “राजद का तेजस्वी शिक्षा मॉडल जहाँ बच्चा-बच्चा ‘क’ से कट्टा सीखता है। राजद और हिंसा एक-दूसरे के पर्याय बन चुके हैं।”

तेजस्वी मंच पर नहीं थे, पर सवाल उठे

हालांकि उस समय तेजस्वी यादव खुद मंच पर मौजूद नहीं थे, लेकिन स्थानीय नेताओं द्वारा बच्चे की बातों पर कोई आपत्ति न जताना अब सवालों के घेरे में है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह घटना चुनाव के असली मुद्दों विकास और रोजगार से ध्यान भटकाने का काम कर रही है और कानून-व्यवस्था को फिर से चर्चा में ला रही है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि एक मासूम बच्चा, जो राजनीति की गंभीरता नहीं समझ सकता, उसकी जुबान पर ऐसे हिंसक शब्द कैसे आए? क्या यह किसी सुनियोजित राजनीतिक रणनीति का हिस्सा था या फिर यह सिर्फ अज्ञानता का परिणाम?

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