Khesari Lal Defeated by Chhoti Kumari:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का सबसे चर्चित और रोमांचक मुकाबला छपरा सीट पर देखने को मिला। जहां एक ओर भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव का बड़ा नाम और करोड़ों की फैन फॉलोइंग थी, वहीं दूसरी तरफ भाजपा ने एक युवा, शांत और ज़मीनी नेता—छोटी कुमारी—को उम्मीदवार बनाया था। नतीजे आने के बाद पूरा बिहार हैरान रह गया क्योंकि छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को हराकर इतिहास बना दिया।
स्टारडम बनाम ज़मीनी काम
छपरा में खेसारी लाल यादव की हार इसलिए भी खूब चर्चा में है क्योंकि वह एक बड़े सेलेब्रिटी उम्मीदवार थे। लेकिन चुनाव का परिणाम बताता है कि जनता सिर्फ नाम और ग्लैमर देखकर वोट नहीं देती। छोटी कुमारी ने गांव-गांव जाकर लोगों से जुड़ाव बनाया, उनकी समस्याएं सुनीं और स्थानीय स्तर पर लगातार काम किया।
मतदाताओं को लगा कि छोटी कुमारी उनकी बात बेहतर तरीके से समझ सकती हैं। वहीं खेसारी लाल मैदान में नए थे और उनका अभियान उतना मजबूत और स्थानीय मुद्दों से जुड़ा हुआ नहीं दिखा। इसी कारण स्टारडम होते हुए भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कौन हैं छोटी कुमारी? भाजपा को दिलाई प्रतिष्ठा वाली जीत
छपरा सीट पिछले डेढ़ दशक से भाजपा का मजबूत गढ़ रही है। 2020 में यहां से डॉ. सी.एन. गुप्ता विधायक चुने गए थे। लेकिन इस बार पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए उनका टिकट काटकर 35 वर्षीय छोटी कुमारी को मौका दिया। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था और उन्होंने अपने प्रदर्शन से पार्टी का भरोसा पूरी तरह जीत लिया।
छोटी कुमारी पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं और लंबे समय से सामाजिक सेवा में सक्रिय रही हैं। उनकी शिक्षा 12वीं तक है और उन्होंने अपनी कुल संपत्ति लगभग ₹1.4 करोड़ घोषित की है। उनकी सबसे बड़ी पहचान है उनका साफ-सुथरा चरित्र—उन पर कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
इस पारदर्शी छवि ने वोटरों के बीच उन्हें मजबूत विकल्प बनाया। लोगों को लगा कि वे ईमानदारी से काम कर सकती हैं और क्षेत्र का विकास कराएंगी।
भाजपा में उभरा नया चेहरा
छोटी कुमारी की जीत सिर्फ एक सीट की जीत नहीं है, बल्कि यह भाजपा के लिए भविष्य का संकेत भी है। उनकी सफलता बताती है कि युवा, ईमानदार और ज़मीनी नेताओं को आगे बढ़ाने की जनता में मजबूत इच्छा है। छपरा की इस ऐतिहासिक जीत ने उन्हें तुरंत राज्य की राजनीति का नया चेहरा बना दिया है।
खेसारी लाल जैसे बड़े कलाकार को हराना आसान नहीं था, लेकिन छोटी कुमारी ने शांत, संतुलित और सरल शैली में चुनाव लड़ते हुए यह कर दिखाया। यह जीत आने वाले समय में बिहार की राजनीति का नया अध्याय लिख सकती है।





