
मुख्य दलों ने Phase-2 के लिए चुनावी रणनीति को अंतिम रूप दिया है। जनता के बीच अपने घोषणापत्र और योजनाओं को लेकर पार्टियों ने जोरदार प्रचार शुरू कर दिया है। चुनाव आयोग ने भी सुनिश्चित किया है कि मतदान निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप से हो।अंतिम दिन के प्रचार से कई मतदाताओं के फैसले प्रभावित हो सकते हैं, और इसीलिए सभी पार्टियां अपने प्रचार अभियान को चरम पर ले आई हैं। फेज-2 में बिहार की कई अहम सीटों पर मतदान होना है, जिनके नतीजे राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं।
चुनाव आयोग ने मतदान की निष्पक्षता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त इंतजाम किए हैं।
शनिवार (8 नवंबर) को अपनी अंतिम चुनावी रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस पर ‘जंगल राज’ को लेकर जमकर निशाना साधा। पश्चिम चंपारण जिले के बेतिया कस्बे में एक रैली को संबोधित करते हुए, श्री मोदी ने ज़ोर देकर कहा कि बिहार को कट्टा वाली सरकार नहीं चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा NDA सरकार सुशासन के पक्ष में है।
दूसरी ओर, बिहार के कटिहार, भागलपुर और पूर्णिया जिलों में कांग्रेस के लिए लगातार रैलियों को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान ‘कट्टा’ और ‘दोनाली’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करके अपने पद की गरिमा बनाए नहीं रख रहे हैं।
दूसरे चरण में पश्चिमी और पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, अरवल, कैमूर और रोहतास जिलों में वोट डाले जाएंगे।