लोकसभा चुनाव में अकेले चुनाव लड़ने का दावा ठोकने वाली मायावती आखिरकार अंत में हार ही गई और अपने दावों से यू टर्ने लेती हुई नजर आ रही हैं। बता दें कि बसपा प्रमुख मायावती का INDIA गठबंधन के लिए दिल पिघलने लगा है। विपक्षी दल भी बसपा को अपने साथ लेने के कवायद में हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विपक्षी गठबंधन INDIA में शामिल लोगों ने मायावती से संपर्क साधा है। लेकिन ऐसे में मायावती ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ में शामिल होने के लिए एक बड़ी शर्त रख दी है। मायावती 40 सीटों पर टिकट चाहती है। 31 अगस्त और 1 सितंबर को होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक में मायावती को लेकर चर्चा हो सकती है।
वहीं आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लकिार्जुन खरगे गठबंधन के चेयरमैन हो सकते हैं। गठबंधन ने मायावती से भी संपर्क साधा है पर मायावती यूपी की 80 से 40 लोकसभा सीटें अपनी पार्टी के लिए मांग रही हैं। इस पर मुंबई की बैठक में चर्चा होगी। सूत्रों के मुताबिक, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और उत्तर पूर्व को छोड़कर देशभर से लगभग 450 लोकसभा सीटों की पहचान हो चुकी है, जहां इंडिया गठबंधन से सिंगल कैंडिडेट लोकसभा चुनाव में उतारे जाएंगे।
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए बनेगी रणनीति
अब देखा जाए तो जल्द ही मायावती I.N.D.I.A. के साथ गठबंधन करने की हांमी भर सकती है अगर उनकी सारी शर्ते मान ली जाए तो। वहीं मुंबई की मीटिंग में 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मात देने के लिए रणनीति बनाएगा। मुंबई की बैठक में इंडिया गठबंधन का झंडा तय हो जाएगा राष्ट्रीय झंडे से मिलता-जुलता इंडिया गठबंधन का झंडा हो सकता है। खबर है कि I.N.D.I.A. गठबंधन का एक झंडा होगा। ये झंडा गठबंधन के प्रचार, बैठक और संयुक्त रैलियों में इस्तेमाल किया जाएगा। प्रस्ताव में गठबंधन के झंडे के रूप में चक्र को हटाकर तिरंगा झंडा को ही बरकरार रखना भी शामिल है। इसपर फैसला मुंबई की बैठक में होगा।
जानिए बसपा के लिए क्या फायदेमंद है गठबंधन
बसपा को गठबंधन की सियासत में हमेशा ही राजनीतिक लाभ मिला है। अगर हम बात करते हैं 2019 में गठबंदन के चलते बसपा जीरो से 10 सांसदों पर पहुंच गई। 2022 में अकेले चुनाव लड़ने के चलते बसपा यूपी में एक सीट पर सिमट गई थी। 2014 में बसपा का खाता भी नहीं खुल पाया था। इसके चलते ही बसपा के नेता भी गठबंधन के पक्ष में खड़े हैं। पिछले दिनों बसपा सांसद मलूक नागर ने भी गठबंधन के संकेत दिए थे। उन्होंने कहा था कि बसपा के पास यूपी में 13 फीसदी वोट है, जो किसी भी दल के साथ जुड़ने पर हार जीत में बदल सकता है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर मायावती ने बुधवार लखनऊ में बड़ी बैठक की थी, जिसमें उन्होंने गठबंधन से इंकार किया था. बसपा प्रमुख मायावती ने साफ शब्दों में कहा था कि गठबंधन करने पर उनका वोट ट्रांसफर हो जाता है, लेकिन सहयोगी दल के वोट उन्हें नहीं मिलते हैं. इसी बात को लेकर बार-बार कहती रही हैं कि बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने यह बात जरूर कही थी कि चुनाव के बाद गठबंधन कर सकती हैं।