गठबंधन के सवालों को लेकर बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने तोड़ी चुप्पी, कहा- ‘न I-N-D-I-A, न NDA… किसी से गठबंधन नहीं’…

बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा है कि वे आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में न तो विपक्षी गठबंधन इंडिया और न ही सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए के साथ कोई चुनावी गठजोड़ करेंगी

देश में 2024 यानी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर खलबली अभी से मची हुई है। बता दें कि एक तरफ एनडीए हैं दूसरी तरफ I.N.D.I.A जो गठबंधन बनाने और नए दलों को अपनी ओर खीचने की कोशिश में हैं। फिलहाल सत्तरुढ़ एनडीए और विपक्षी दलों के गठबंधन I.N.D.I.A में खीचतान लगातार जारी है। वहीं जब बात अगर बसपा कि, की जाए तो अभी हाल ही में I.N.D.I.A. ने साथ आने का प्रस्ताव बीएसपी के सामने रखा तो पार्टी प्रमुख मायावती ने उनके सामने 40 लोकसभा सीटों वाली शर्त रख दी थी। उन्होंने कहा था कि यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं और उसमें 40 की मांग मायावती ने की है। लेकिन अब प्रमुख पार्टी बीएसपी की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि वह दोनों ही प्रमुख गठबंधनों का हिस्सा नहीं बनेंगी। पार्टी प्रमुख मायावती ने इस संबंध में आज ट्वीट कर यह बात साफ कर दिया गया है कि वह दोनों ही प्रमुख गठबंधनों का हिस्सा नहीं बनेगी।

गठबंधन को लेकर मायावती ने किया इंकार 

पार्टी प्रमुख मायावती ने इस संबंध में आज ट्वीट कर यह बात साफ कर दी है। मायावती ने अपने ट्वीट के जरिए मीडिया पर भी हमला बोला है और कहा है कि बेवजह के आकलनबाजी से मीडिया को बचना चाहिए। पार्टी ने साफ कर दिया है कि दोनों ही गठबंधन से बीएसपी बराबर की दूरी बनाए रखेगी और अकेले ही चुनाव लड़ेगी। पार्टी प्रमुख ने साफ कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव पार्टी अकेले अपने दम पर लड़ेगी।

मायावती ने ट्वीट कर किया बार-बार हमला

बता दें कि मायावती ने कुल चार ट्वीट किए और अपनी बात कही है। उन्होंने कहा कि एनडीए व इणिडया गठबंधन अधिकतर गरीब-विरोधी, जातिवादी, साम्प्रदायिक, धन्नासेठ-समर्थक व पूंजीवादी नीतियों वाली पार्टियां हैं जिनकी नीतियों के विरुद्ध बीएसपी अनवरत संघर्षरत है और इसीलिए इनसे गठबंधन करके चुनाव लड़ने का सवाल ही पैदा नहीं होता। अतः मीडिया से अपील-नो फेक न्यूज प्लीज़।

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा कि बीएसपी, विरोधियों के जुगाड/जोड़तोड़ से ज्यादा समाज के टूटे/बिखरे हुए करोड़ों उपेक्षितों को आपसी भाईचारा के आधार पर जोड़कर उनके गठबंधन से सन 2007 की तरह अकेले आगामी लोकसभा तथा चार राज्यों में विधानसभा का आमचुनाव लडे़गी. मीडिया बार-बार भ्रान्तियां न फैलाए.

गठबंधन के लिए सभी आतुर

तीसरे ट्वीट में मायावती ने कहा कि वैसे तो बीएसपी से गठबंधन के लिए यहां सभी आतुर, किन्तु ऐसा न करने पर विपक्षी द्वारा खिसयानी बिल्ली खंभा नोचे की तरह भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाते हैं। इनसे मिल जाएं तो सेक्युलर न मिलें तो भाजपाई। यह घोर अनुचित तथा अंगूर मिल जाए तो ठीक वरना अंगूर खट्टे हैं, की कहावत जैसी.मायावती ने चौथे ट्वीट में कहा, इसके अलावा, बीएसपी से निकाले जाने पर सहारनपुर के पूर्व विधायक कांग्रेस व उस पार्टी के शीर्ष नेताओं की प्रशंसा में व्यस्त हैं, जिससे लोगों में यह सवाल स्वाभाविक है कि उन्होंने पहले यह पार्टी छोड़ी क्यों और फिर दूसरी पार्टी में गए ही क्यों? ऐसे लोगों पर जनता कैसे भरोसा करे?

Exit mobile version