लोकसभा ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया। इसमें लोकसभा, विधानसभा में 33% सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। वहीं आज यानी 21 सितंबर को राज्यसभा में चर्चा होनी है। 20 सितंबर को लोकसभा में बिल पास हुआ। बता दें कि विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि 2 वोट इसके खिलाफ पड़े। AIMIM पार्टी के सांसदों असदुद्दीन ओवैसी और इम्तियाज जलील ने विरोध में वोट डाले। लोकसभा में ये बिल दो तिहाई बहुमत से पास हुआ।
वहीं पीएम मोदी ने बुधवार देर रात X पर पोस्ट करते हुए सभी को धन्यवाद दिया। पीएम ने लिखा- लोकसभा में संविधान विधेयक, 2023 के पारित होने पर खुशी हुई। मैं सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस विधेयक के समर्थन में वोट किया। PM ने आगे लिखा कि, नारी शक्ति वंदन अधिनियम एक ऐतिहासिक कानून है जो महिला सशक्तिकरण को और बढ़ावा देगा और हमारी राजनीतिक में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। बिल पर चर्चा में 60 सांसदों ने अपने विचार रखे।
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने महिला आरक्षण बिल का किया विरोध
लोकसभा में विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 2 मत पड़े। बिल के खिलाफ AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और उनकी ही पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील ने वोट किया। सदन में पहले दिन हुई चर्चा में विपक्षी दलों ने विधेयक में OBC महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान करने और बिना परिसीमन के ही कानून लागू करने की मांग की।
यह भी पढ़े:- लोकसभा से महिला आरक्षण बिल पास, कांग्रेस का मिला समर्थन
OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा -राहुल गांधी
वहीं कांग्रेस पार्टी ने विधेयक को राजीव गांधी का सपना बताया तो TMC ने ममता बनर्जी को इस विधेयक की जननी करार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि OBC आरक्षण के बिना यह बिल अधूरा है। इस पर अमित शाह ने कहा है कि यह आरक्षण सामान्य, SC और ST में समान रूप से लागू होगा। चुनाव के बा तुरंत ही जनगणना और डिलिमिटेशन होगा और महिलाओं की भागीदारी जल्द ही सदन में बढ़ेगी। विरोध करने से रिजर्वेशन जल्दी नहीं आएगा।
2029 से पहले लागू नहीं हो पाएगा कानून- अमित शाह
महिला आरक्षण कानून तुरंत लागू नहीं करने के आरोप पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए सभी दलों से महिला आरक्षण बिल के समर्थन की अपील की. अमित शाह ने कहा कि बिना जनगणना और परिसीमन के किसी सीट को रिज़र्व करना संभव नहीं है. अमित शाह ने संकेत दिए कि प्रक्रिया पूरी होने में इतना समय लगेगा कि कानून 2029 से पहले लागू नहीं हो पाएगा.