BSP: आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी रणनीतियों को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती ने भी अपनी पार्टी की चुनावी तैयारियों को तेज कर दिया है। बसपा, जिसने हाल के चुनावों में कमजोर प्रदर्शन किया है, अब अपने पुराने गौरव को वापस पाने के लिए एक विशेष जनसंपर्क अभियान की शुरुआत कर रही है। इस अभियान का उद्देश्य (BSP) मायावती के मुख्यमंत्री कार्यकाल की उपलब्धियों को जनता के बीच ले जाना और खासकर युवा वोटरों को पार्टी से जोड़ना है।
बसपा की चुनावी तैयारियां
आगामी विधानसभा चुनावों में सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हैं, और इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती भी सक्रिय हो गई हैं। पिछले कुछ चुनावों में बसपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है, जिससे पार्टी को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ा है। (BSP) मायावती ने अपनी पार्टी को फिर से मजबूत करने के लिए घर-घर जनसंपर्क अभियान शुरू करने का फैसला किया है।
मायावती के कार्यकाल की उपलब्धियां
इस अभियान के तहत, मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए किए गए कार्यों को उजागर करने के लिए एक ‘प्लान बुकलेट’ तैयार की गई है। इस बुकलेट में उनके चार बार के शासनकाल की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है। इन बुकलेट्स को बड़ी संख्या में छपवाया गया है और पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा इन्हें घर-घर पहुंचाने का खाका तैयार किया गया है।
कड़क छवि और युवा वोटरों को आकर्षित करने की कोशिश
बसपा की रणनीति में पुराने स्वरूप को पुनः अपनाने पर जोर दिया गया है, जिसमें मायावती की छवि (BSP) को एक कड़क नेता और समाज के महापुरुषों को सम्मान देने वाली के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। पार्टी का उद्देश्य नए और युवा वोटरों को आकर्षित करना है, खासकर उत्तर प्रदेश में, जहां बसपा का जनाधार पहले से ही मौजूद है।
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खोए जनाधार को पुनः हासिल करने की कोशिश
मायावती ने इस अभियान को न केवल उत्तर प्रदेश के उपचुनावों के लिए, बल्कि महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर, और हरियाणा के विधानसभा चुनावों के लिए भी महत्वपूर्ण माना है। इन चुनावों को वह पार्टी के खोए हुए जनाधार को पुनः हासिल करने का एक बड़ा अवसर मान रही हैं।