Rahul vs Shah in LS: लोकसभा में चुनावी सुधारों पर बहस के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बीच तीखी बहस हुई। गांधी ने शाह को बहस के लिए चुनौती दी, जिसके जवाब में शाह ने अपने भाषण और एजेंडा पर अपना अधिकार जताने का प्रयास किया। इस तरह की बहसें अक्सर चुनावी मुद्दों पर गहन राजनीतिक गतिशीलता और अलग-अलग नज़रिया को दर्शाती हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि शाह ने मतदाता सूची में हेराफेरी के संबंध में कांग्रेस नेता द्वारा लगाए गए आरोपों का जवाब दिया। उन्होंने इन दावों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि चुनाव आयोग इस मामले को पहले ही स्पष्ट कर चुका है। शाह ने आगे बताया कि विपक्ष के नेता ने 5 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने बयान को “परमाणु बम” गिराने जैसा बताते हुए शानदार भाषा का इस्तेमालकिया था। नेता ने दावा किया था कि हरियाणा के एक ही घर में 501 वोट दर्ज किए गए थे, लेकिन शाह के जवाब से स्पष्ट होता है कि इन आरोपों का कोई ईमानदार सबूत नहीं है।
शाह इस बात पर ज़ोर दे रहे
विचाराधीन पता, मकान संख्या 265, कोई छोटा या अनियमित आकार का निवास स्थान नहीं है, बल्कि एक एकड़ का एक बड़ा पुश्तैनी जमीन है जिसे कई परिवार साझा करते हैं। चुनाव आयोग के खुलासा से इस पते से समान किसी भी अनियमितता की आशंका को खारिज किया जा रहा है।
आप जिस स्थिति का वर्णन कर रहे हैं, उसमें एक विशेष क्षेत्र की मकान प्रणाली पुरानी या बेकार है। चूंकि सभी मकानों को—चाहे वे अलग-अलग परिवारों या पीढ़ियों के हों—एक ही सीरियल नंबर दिया गया है, जिससे भ्रम और शायद अन्याय की स्थिति पैदा होती है। इसके अलावा, एक ही परिवार की कई पीढ़ियों का एक साथ रहना क्रमांकन प्रणाली को और भी जटिल बना देता है। आपने यह भी बताया कि यह प्रणाली हरियाणा में कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से लागू है, जिससे पता चलता है कि इसकी जड़ें ऐतिहासिक हैं और इसे काफी समय से लगातार नहीं किया गया है।
