इस फैसले से साफ हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने VVPAT पर्ची के मिलान की दलील खारिज कर दी है।
VVPTT एक स्वतंत्र वोट सत्यापन तंत्र है। इससे वोटर जान सकते हैं कि उनका वोट उसी व्यक्ति को गया है या नहीं।
प्रशांत भूषण ने क्या कहा
#WATCH | Advocate Prashant Bhushan says, “We said that the EVMs have a programmable memory because symbol loading takes place and that is why, they can be manipulated if you uploaded a malicious program. That is why, it is essential that that paper trail audit of VVPAT is done… https://t.co/aT5tHVfglQ pic.twitter.com/FLfsPIRlsO
— ANI (@ANI) April 26, 2024
दरअसल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने पिछली सुनवाई के दौरान वीवीपीएटी के साथ ईवीएम के माध्यम से डाले गए वोटों का सत्यापन करने संबंधी याचिकाओं पर अपना निर्णय सुरक्षित रखा था।
“हम गलत साबित नहीं होना चाहते बल्कि अपने निष्कर्षों को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त होना चाहते हैं,” बेंच ने चुनाव आयोग की ओर से पेश किए गए अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एश्वर्या भाटी से कहा। इसलिए हमने स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया।