नई दिल्ली।अपनी मांगों को लेकर किसान संगठन दिल्ली आने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहें हैं। प्रदर्शन कर रहें किसान अन्य मांगों के साथ सरकार से न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग भी कर रहें है। क्या आप जानते हैं MSP क्या होता? ये कैसे निर्धारित होता है? और भी ऐसे सवाल जो न्यूनतम समर्थन मूल्य पर आधीरत होते है उसके जवाब आप जानतें है? इस लेख में हम आपको MSP और इससे जुड़े सभी सवालों के जवाब दे रहें है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य क्या होता है?
केंद्र सरकार द्वारा किसानों को उनके द्वारा उपजाए गए फसल को एक समर्थित मूल्य पर खरीदी जाती है। ये मूल्य बाजार के कीमतों के तुलना में डेढ़ गुणा अधिक होती है। सरकार द्वारा तय किया गया यह मूल्य एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य होता है। उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि गेंहू की कीमत बाजार में 25 रुपये है और सरकार द्वारा इसकी कीमत 35 रुपये MSP तय की गई है तो सरकार किसान से गेंहू 35 रुपये में खरीदेगी जो गेंहू का न्यूनतम समर्थन मूल्य है।
कब हुई थी ? MSP की शुरुआत
पहली बार फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य केंद्र सरकार ने साल 1966-67 में पेश किया था। सरकार ने सबसे पहले गेहूं पर एमएसपी की शुरुआत की थी।
इन फसलों पर मिलती हैं MSP
केंद्र सरकार हर फसल पर MSP नहीं देती। MSPके लिए सरकार द्वारा अधिदिष्ट फसल (Mandated Crops) की कैटेगरी तैयार की जाती है। इस लिस्ट में जिन फसलों कों शामिल किया जाता है। उन पर केंद्र सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाता है। फिलहाल इस लिस्ट में 23 फसल शामिल है। जिसमें 14 खरीफ फसलें और 6 रबी फसलें के साथ साथ दो अन्य वाणिज्यिक फसलें भी हैं। इन फसलों में धान, गेहूं, बाजरा, मक्का, ज्वार, रागी, जौ, चना, अरहर, मूंग, उड़द, मसूर, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, तिल, नाइजर या काला तिल, कुसुम ,गन्ना, कपास, जूट, और नारियल शामिल है।
कौन निर्धारित करता है MSP?
कमीशन फॉर एग्रीकल्चरल कॉस्ट्स एंड प्राइसेस (CACP) तथा इससे जुड़ी अन्य दूसरी संस्थाएं सरकार को एमएसपी पर सुझाव देती हैं। जिसके बाद केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा एमएसपी को लागू किया जाता है। जिसके बाद प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति अंतिम निर्णय लेती है।
MSP कैसे निर्धारित किया जाता है?
CACP द्वारा किसी फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धरित करने से पहले कुछ प्रमुख बातों पर ध्यान दिया जाता है।
- फसल उत्पाद के लिए लागत।
- इनपुट मूल्य में परिवर्तन की गुंजाइश।
- बजार में फसल की कीमत।
- बाजार में फसल की मांग और आपूर्ति की स्थिति।
- अंतरराष्ट्रीय स्थिति।
MSPको लेकर क्या कानून है?
फिलहाल देश में एमएसपी को लेकर कोई कानून नहीं है। फसलों पर MSP देना सरकार की इच्छा पर निर्भर है। सरकार चाहें तो एमएसपी दे सकती और नहीं भी दे सकती है।