नई दिल्ली। Ghaziabad में Crime Branch को बड़ी सफलता हाथ लगी हैं। जहां क्राइम ब्रांच ने फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया हैं। गिरोह फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनाता था और साथ में उनका रेनयूबेल भी करवाता था
भारतीय सेना में नायक सूबेदार के पद से रिटायर है गिरोह का सरगना
फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में पुलिस ने जिस व्यक्ति को पकड़ा है वो भारतीय सेना में नायक सूबेदार (Retired Naik Subedar) के पद से रिटायर बताया जा रहा हैं। गाजियाबाद ADCP क्राइम ब्रांच सच्चिदानंद राय ने मामले को लेकर बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने बुलंदशहर निवासी प्रवेंद्र को गिरफ्तार किया है। इससे पहले प्रवेंद्र सेना में सूबेदार था। सेना से रिटायर होने के बाद नोएडा और Ghaziabad इलाके के लोगों को 80-90 हजार रुपए में फर्जी शस्त्र लाइसेंस उपलब्ध करवता था।
कब्जे से 8 असलाह बरामद
Crime Branch ने जांच में पाया की प्रवेंद्र अपने गिरोह के साथ जम्मू कश्मीर से शस्त्र लाइसेंस बनवा कर देता था और समय पूरा हो जाने पर उसका रिन्यू भी करवाता था। पुलिस ने प्रवेंद्र के पास से आठ हथियार बरामद किया है। जो रिन्यू करवाने के लिए उसने रखे थे।
फर्जी कागजात और मोहर भी Crime Branch ने किया बरामद
क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला की प्रवेंद्र 2012 में हिमाचल प्रदेश में पोस्टिंग के दौरान अमित और किशन मिला था और उसी के बाद वो इस काम में लगा हुआ था। लोगों को शक ना हो इसलिए वो फर्जी शस्त्र लाइसेंस बनवाने के बाद शास्त्रधारी के साथ सैनिक की ड्रेस में शस्त्र दिलवाने जाता था। उसका रेट फिक्स था। जिसमें पिस्तौल के लाइसेंस के लिए 80000 और राइफल के लाइसेंस के लिए 90000 रुपए लेता तो वहीं लाइसेंस रिन्यू करने के लिए 5 हजार रुपए लेता था। पुलिस को प्रवेंद्र के पास से फर्जी कागजात और मोहर मिली है।