हमीरपुर में हुए उपचुनाव में बीजेपी की जीत के साथ फिर से साबित हो गया कि यहां सिर्फ धूमल परिवार का ही दबदबा है. भले ही हिमाचल उपचुनाव में नालागढ़ और देहरा में बीजेपी जीत की दहलीज तक नहीं पहुंच पाई हो लेकिन हमीरपुर में फिर से अनुराग ठाकुर के करिश्मे की बदौलत भाजपा के आशीष शर्मा बाजी मार ले गए.
सिर्फ हमीरपुर सीट पर ही खिला कमल
गौरतलब है कि हिमाचल उपचुनाव की 3 सीटों पर आलाकमान की तरफ से हमीरपुर की ज़िम्मेदारी अनुराग ठाकुर को.. नालागढ़ की ज़िम्मा पूर्व सीएम और वर्तमान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को जबकि देहरा सीट की कमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल को दी गई थी लेकिन सिर्फ हमीरपुर सीट पर ही कमल खिला. बता दें कि मुकाबला 3-0 से भी कांग्रेस के पक्ष में हो सकता था लेकिन इसे अनुराग ठाकुर का जादू ही कहा जाएगा कि कांग्रेस का 3-0 से क्लीन स्वीप का ख्वाब धरा का धरा ही रह गया.
सीएम सुक्खू के गृह जिला में भी अनुराग ठाकुर का डंका
बता दें कि हमीरपुर की जनता के दिल में बस अनुराग ठाकुर ही बसते हैं इसे आप इस बात से भी समझ सकते हैं कि हमीरपुर भले ही हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का गृह ज़िला हो लेकिन यहां सिक्का तो सिर्फ भाजपा के कद्दावर नेता अनुराग ठाकुर का ही चलता है। सनद रहे कि हमीरपुर विधानसभा उपचुनाव से पहले लोकसभा के साथ हुए बड़सर विधानसभा उपचुनाव में अनुराग ठाकुर ने कमल खिलाया था. इसके अलावा लोकसभा इलेक्शन में अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री सुक्खू को उनकी विधानसभा में भी हराकर वहां से लीड ली थी.
चार दशकों से रहा है धूमल परिवार का दबदबा
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में सियासत का सेंटर बन चुके हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में पिछले चार दशकों के दौरान धूमल परिवार का दबदबा कायम रहा है। धूमल परिवार की बदौलत ही कभी कांग्रेस की मजबूत सीट रहा हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र अब बीजेपी के गढ़ के रूप में बदल चुका है. पिछले आठ लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को लगातार इस सीट पर मुंह की खानी पड़ी है.
बता दें कि 1984 से लेकर 2024 तक हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र में दो उपचुनाव समेत कुल 13 चुनाव संपन्न हुए है। इसमें बीजेपी ने 11 बार जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस के हिस्से मात्र दो जीत ही आई। धूमल परिवार ने यहां से 10 बार चुनाव लड़ा है, जिसमें 8 बार उन्होंने जीत का स्वाद चखा है. प्रेम कुमार धूमल तीन बार और उनके बेटे अनुराग ठाकुर 5 बार यहां से सांसद बन चुके हैं। पिछले 40 साल में 29 साल से ज्यादा धूमल परिवार ने ही इस संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। यानि हमीरपुर की पब्लिक का प्यार धूमल परिवार के साथ बना हुआ है.