Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने स्ट्रीट वेंडर्स के लिए एक नई पॉलिसी पेश की है, जिसके तहत खाद्य पदार्थ बेचने वाले वेंडर्स को अपनी पहचान स्पष्ट करने के लिए आईडी कार्ड और नेमप्लेट लगाना अनिवार्य किया गया है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह कदम हाइजेनिक फूड सुनिश्चित करने और लोगों की चिंताओं को दूर करने के लिए उठाया गया है। इस पॉलिसी का आधार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों से प्रेरित है।
शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह का अहम बयान
Himachal Pradesh के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राज्य में नई स्ट्रीट वेंडर पॉलिसी को लेकर घोषणा की है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने शहरी विकास विभाग और नगर निगम के साथ मिलकर एक अहम बैठक की, जिसमें हाइजेनिक फूड की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए हैं। खासतौर पर खाद्य पदार्थ बेचने वाले स्ट्रीट वेंडर्स के लिए यह पॉलिसी तैयार की गई है।
#WATCH | Shimla: Himachal Pradesh Minister Vikramaditya Singh, "We did a meeting with the UD (Urban Development) and the Municipal Corporation. To make sure that hygienic food is sold, a decision has been taken for all the street vendors…especially those selling edible items…… pic.twitter.com/7wi5bhapr8
— ANI (@ANI) September 25, 2024
आईडी कार्ड और नेमप्लेट होगी अनिवार्य
नई पॉलिसी के तहत हिमाचल प्रदेश के सभी रेहड़ी-पटरी और होटल संचालकों को अब अपनी पहचान स्पष्ट करनी होगी। खाद्य पदार्थ बेचने वालों को अपनी नेमप्लेट और आईडी कार्ड लगाना अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार के मुताबिक, वेंडरों की पहचान सुनिश्चित करने और लोगों की शिकायतों का समाधान करने के लिए यह फैसला लिया गया है। सभी वेंडरों का रजिस्ट्रेशन कर स्ट्रीट वेंडिग कमेटी द्वारा आईडी कार्ड जारी किए जाएंगे।
‘योगी मॉडल’ से प्रेरणा
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि Himachal Pradesh में इस पॉलिसी का आधार उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई नीतियों से प्रेरित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मंगलवार को उत्तर प्रदेश में फूड वेंडर्स पर जारी सख्त निर्देशों का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी इसी तर्ज पर कदम उठाए गए हैं।
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सख्ती के साथ हाइजेनिक फूड पर जोर
योगी सरकार के फैसले की तारीफ करते हुए विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि यह नीति प्रदेश में लोगों की चिंताओं और शिकायतों को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खाद्य पदार्थ बेचने वाले साफ-सफाई और गुणवत्ता का पूरा ख्याल रखें, और ग्राहकों को सुरक्षित और स्वस्थ भोजन उपलब्ध कराएं।