Kolkata Rape Case : कोलकाता के आरजीकर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए गैंगरेप (Kolkata Rape Case) और हत्या के मामले में सीबीआई अब चार कर्मचारियों का पॉलीग्राफ टेस्ट कराने की योजना बना रही है। इन कर्मचारियों में फर्स्ट ईयर पीजीटी डॉक्टर अर्का और सौमित्र, हाउस स्टाफ गुलाम, और एक इंटर्न सुभदीप शामिल हैं।
सीबीआई ने यह कदम इसलिए उठाया है क्योंकि दो डॉक्टरों के फिंगरप्रिंट्स सेमिनार रूम में पाए गए हैं। साथ ही, सीसीटीवी फुटेज में हाउस स्टाफ को पहली मंजिल की इमरजेंसी से तीसरी मंजिल की ओर जाते हुए देखा गया है। इसके अलावा, इंटर्न तीसरी मंजिल पर मौजूद था और उसने पीड़िता से बातचीत की थी।
कॉलेज के 4 कर्मचारियों का होगा पॉलीग्राफी टेस्ट
सीबीआई को कुछ और भी मेडिकल रिपोर्ट्स मिली हैं जिनकी पुष्टि के लिए वे आरजी कर मेडिकल कॉलेज के चार कर्मचारियों के बयानों की जांच करना चाहती है। हालांकि ये कर्मचारी सीधे तौर पर इस घटना में शामिल नहीं दिखते, लेकिन सीबीआई यह जानना चाहती है कि कहीं उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ या किसी साजिश में भागीदारी तो नहीं की।
घटना की रात का क्रम समझने के लिए सूत्रों ने बताया कि पीड़िता और फर्स्ट ईयर के दो छात्र, अर्का और सौमित्र, ने रात 12 बजे एक साथ डिनर किया था। इसके बाद वे सेमिनार रूम में गए, जहां उन्होंने रात 1:30 से 2 बजे तक नीरज चोपड़ा का जेवलिन फाइनल देखा।
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आखिर क्यों होगा पॉलीग्राफी टेस्ट?
सेमिनार रूम के सामने ही स्लीप रूम है, जहां डॉक्टर आराम करते हैं। उस रात 1:30 बजे से 2:00 बजे तक पॉलीसोम्नोग्राफी टेस्ट चल रहा था। टेस्ट के बाद अर्का और सौमित्र स्लीप रूम में चले गए, जबकि पीड़िता सेमिनार रूम में आराम करने लगी।
गुलाम ने 2:45 बजे तीसरी मंजिल पर जाने का दावा किया, जबकि सुभदीप ने कहा कि वह इंटर्न रूम में था। सेमिनार हॉल, स्लीप रूम और इंटर्न रूम, तीनों एक ही मंजिल पर पास-पास हैं। सीबीआई को इन चारों के बयानों में कुछ विरोधाभास मिले हैं, इसलिए वे उनका पॉलीग्राफ टेस्ट कराना चाहती हैं।