नई दिल्ली : कल ही एक बड़ी खबर सामने आई थी कि ईरान (Iran) ने इज़राइली (Israel) अरबपति जहाज़ को जबरन अपने कब्ज़े में ले लिया था। जिसमें 17 भारतीय भी मौजूद थे सभी की सुरक्षित वापसी के लिए भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने कल ही ईरान से बात की थी। जिसके बाद ईरान ने भारतीय अधिकारियों को जहाज़ में सवार इंडियन क्रू मेंबर्स से मिलने की अनुमति दे दी है।
क्या है पूरा मामला ?
13 अप्रैल 2024 की आधीरात को ईरान ने इज़राइल पर मिसाइलों और ड्रोन से अटैक किया था। इस हमले में किलर ड्रोन से लेकर बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज़ मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया था। ईरान के इज़राइल पर अचानक इस हमले से हर तरफ हल-चल मच गई है चिंता कि बात ये है कि इस हमले की वजह से इज़राइलियों के साथ-साथ भारतीयों पर भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ईरान ने इज़राइल के जिस जहाज़ को अपने कब्ज़े में लिया है उसमें भारतीय मूल के 17 लोग सवार थे।
जिसके बाद सभी भारतीयों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय सरकार ने चिंता जताई और विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने ईरान से बातचीत की। और अब ईरान-इज़राइल के इस आपसी तनाव के बीच भारत के लिए एक राहत की खबर सामने आई है। आपको बता दें कि ईरान विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन का कहना है कि जल्द ही भारत सरकार के अधिकारियों को MSC Aries ईरानी जहाज में सवार भारतीयों से मिलने दिया जाएगा।
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ईरान क्यों पड़ा इज़राइल के पीछे ?
इस वक्त ईरान और इज़राइल की आपसी झड़प की खबर अपना ज़ोर पकड़ रही है। और सभी के मन में प्रश्न ये है कि इन दोनों के बीच चल रही इस आपसी तना-तनी का आखिर कारण क्या है? जैसाकि आप जानते ही हैं कि, ईरान ने 13 अप्रैल को इज़राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से भयानक हमला बोल दिया था।
लेकिन आपको बता दें कि, इससे पहले यानी 1 अप्रैल 2024 को ही सीरिया में ईरान के वाणिज्य दूतावास पर एक भयानक हमला किया गया था जिसके अंदर कई टॉप कमांडर्स समेत सैन्य अधिकारियों को अपनी जान गवांनी पड़ी थी। ईरान की तरफ से ये हमला करवाने के लिए इज़राइल को ही ज़िम्मेदार ठहराया गया था। और यही वजह है कि अचानक 13 अप्रैल की आधीरात को ही इज़राइल पर ईरान ने हमला बोल दिया।