क्या पुरी में भी वही हुआ जो हाथरस में सत्संग में हुआ था? क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक पुरी में भगदड़ में मरने वाले श्रद्धालु का दम घुट गया था। दम घुटने जैसे हालात थे, इसलिए कहा जा रहा है कि पुरी में भी हाथरस की तरह गर्मी के कारण श्रद्धालुओं का दम घुट गया और वे खुद को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।
भगदड़ के कारणों की तलाश जारी है
आपको बता दें कि भगदड़ में घायल हुए लोगों को पुरी के ही जिला अस्पताल ले जाया गया। हालांकि मृतक की पहचान नहीं हो सकी, लेकिन अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी घायलों से मिलने अस्पताल पहुंचे, जिन्होंने मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
ग्रैंड रोड पर हुई रथयात्रा में Jagannath Rath भगदड़ हुई, जहां राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मुकेश महालिंग भी पहुंचे थे। मीडिया को बताया कि वे मृत व्यक्ति की पहचान जानने की कोशिश कर रहे हैं। साथ ही, भगदड़ का कारण खोजने का आदेश दिया गया है। अगर कोई अफवाह फैलाने का संकेत मिलता है, तो दोषी को गिरफ्तार किया जाएगा। घायलों को उचित चिकित्सा प्रदान की जाएगी।
पुरी रथ यात्रा में भगदड़ जैसे बने हालात
एक श्रद्धालु की मौत, 400 से ज्यादा घायल pic.twitter.com/gob5opXGnJ
— Govind Pratap Singh | GPS (@govindprataps12) July 7, 2024
53 साल बाद दो दिन की रथयात्रा हुई
यह बताया जाना चाहिए कि कल पुरी में Jagannath Rath यात्रा शुरू हुई। 53 वर्ष बाद रथयात्रा दो दिन की हुई है। गुंडिचा यात्रा (रथ यात्रा) में पहांडी अनुष्ठान के बाद भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और भगवान बलभद्र की बड़ी मूर्तियों को तीन बड़े रथों पर रखा जाता है। लाखों लोग पुरी शहर के बड़े डांडा (ग्रैंड रोड) पर एकत्र होते हैं और करीब तीन किलोमीटर तक रथ को खींचते हैं। मूर्तियों को गुंडिचा मंदिर ले जाया जाता है, जिसे देवताओं का जन्म स्थान माना जाता है, जहां वे कई यात्राओं (वापसी रथ उत्सव) करते हैं।
पुरी रथयात्रा में भगदड़: मुख्य बातें
- 1 श्रद्धालु की मौत, 400 से अधिक घायल: 7 जुलाई, 2024 को पुरी में जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें एक श्रद्धालु की मौत हो गई और 400 से अधिक लोग घायल हो गए।
- दम घुटने से मौत: डॉक्टरों का कहना है कि मृतक श्रद्धालु की मौत दम घुटने से हुई।
- कारण अज्ञात: भगदड़ के कारणों की अभी जांच की जा रही है। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
- मुआवजा: ओडिशा के मुख्यमंत्री ने मृतक के परिवार को 4 लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
- 53 साल बाद दो दिवसीय रथयात्रा: यह 53 साल बाद पहली बार हुआ है जब रथयात्रा दो दिनों की मनाई जा रही है।
- गुंडिचा यात्रा: रथों को गुंडिचा मंदिर ले जाया जा रहा है, जिसे देवताओं का जन्म स्थान माना जाता है।
- आगे का कार्यक्रम: भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा 16 जुलाई को पुरी के मुख्य मंदिर लौट आएंगे।
यात्रा में भगवान बलभद्र पहले चलते हैं, जबकि भगवान जगन्नाथ और देवी सुभद्रा पीछे चलते हैं। रथ को खींचने से पहले पुरी राजघराने के लोग छेरा पन्हारा नामक एक विशेष पूजा करते हैं। इसमें वे सोने की झाड़ू का उपयोग करके रथों के फर्श को साफ करते हैं। भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा आषाढ़ शुक्ल की द्वितीया से दशमी तक अपनी मौसी के यहां रहते हैं। 16 जुलाई, दशमी को तीनों रथ पुरी के मुख्य मंदिर में वापस आ जाएंगे, जिसे बहुड़ा यात्रा कहते हैं।