Karnataka: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा की जमानत अवधि शुक्रवार को बढ़ा दी गई। एक महिला ने पूर्व सीएम पर अपनी बच्ची का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। आरोप के मद्देनजर कर्नाटक सीआईडी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।
कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा।
Karnataka सीआईडी ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम मामले में Karnataka के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और चार अन्य के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की है। इसके बाद अब कोर्ट ने बीएस येदियुरप्पा की अंतरिम जमानत बढ़ा दी है। शुक्रवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने येदियुरप्पा की अंतरिम जमानत बढ़ाने का आदेश जारी किया है। साथ ही सीआईडी के एसपीपी को आपत्ति दर्ज कराने का निर्देश दिया है और अगली सुनवाई दो हफ्ते के लिए टाल दी है।
हाईकोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को POCSO मामले में अंतरिम जमानत दी थी। अब जमानत अवधि बढ़ा दी गई है। येदियुरप्पा पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 204 (साक्ष्य के तौर पर दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करना), 354ए (यौन उत्पीड़न) और 214 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
येदियुरप्पा के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप
चार्जशीट में कहा गया है कि 2 फरवरी को सुबह करीब 11:15 बजे 17 वर्षीय कथित पीड़िता अपनी 54 वर्षीय मां के साथ येदियुरप्पा के डॉलर्स कॉलोनी स्थित आवास पर गई थी। चार्जशीट के मुताबिक, येदियुरप्पा ने नाबालिग लड़की की मां से बात करते हुए पीड़िता की कलाई पकड़ी, फिर नाबालिग लड़की को हॉल के बगल में एक मीटिंग रूम में बुलाया और येदियुरप्पा ने लड़की का यौन उत्पीड़न करने की कोशिश की।
पीड़िता की मां ने 20 फरवरी को अपने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया था। उसके बाद येदियुरप्पा के कहने पर अन्य आरोपी रुद्रेश, अरुण और मारिस्वामी पीड़िता के घर गए और मां-बेटी को अपने आवास पर ले गए। कथित तौर पर उन्हें 2 लाख रुपये भी दिए गए और पीड़िता की मां से फेसबुक और अपने आईफोन गैलरी से वीडियो डिलीट करने को कहा गया।
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जानिए क्या है पूरा मामला
14 मार्च की रात को एक महिला बेंगलुरु के सदाशिव नगर थाने पहुंची और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। इससे पहले उसने शिकायत की थी कि उसकी 17 वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म हुआ है। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं की गई।
2 फरवरी को वह अपनी बेटी के साथ बेंगलुरु के डॉलर्स कॉलोनी गई और शिकायत की कि येदियुरप्पा ने लड़की के साथ दुर्व्यवहार किया है। येदियुरप्पा के खिलाफ POCSO एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई।
बाद में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच CID को सौंप दी। मामले को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने अभियोजन पक्ष की पैरवी के लिए विशेष लोक अभियोजक (SPP) अशोक एन नायक को नियुक्त किया है। अदालत ने इस मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन उन्हें इस मामले में जमानत मिल गई है।