Lok Sabha Election 2024 : BSP सुप्रीमो मायावती ज़ोरों शोरों से (Lok Sabha Election 2024 ) चुनावी प्रचार में लगी हुई हैं। इस बार बीएसपी की ओर से अकेले चुनाव लड़ रही मायावती जनता के बीच चर्चा का एक अलग ही विषय बनी हुई हैं। इस पार्टी ने अपने ऐसे-ऐसे चुनावी उम्मीद्वारों को मैदान में उतारा है कि बीजेपी वाले उनसे नज़रें नहीं मिला पा रहे हैं। इस हिसाब से बीएसपी को समाजवादी पार्टी और बीजेपी के सामने कमज़ोर समझना हर तरह से गलत ही साबित होगा।
इस बार बहुचन समाज पार्टी लोकसभा चुनावों को लेकर फुल फॉर्म में नज़र आ रही है पार्टी ने अपने कैंडिडेट्स को चुनने में बड़ी की समझदारी और सूझ-बूझ का परिचय देकर मैदान में अपनी पार्टी के प्रतिद्वींदियों को उतारा है। इसीलिए कहा जा रहा है कि बीएसपी ने 2 दर्जनों सीटों पर चुनावी समीकरण को पूरी तरह से पलट दिया है।
यूपी में BSP ने 55 सीटों पर प्रत्याशियों का किया है ऐलान
आपको बता कि बीएसपी प्रमुख मायावती ने यूपी की 55 सीटों पर चुनावी प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। इस बीच कांग्रेस की तरफ से भी कई बार बीजेपी का सपोर्ट करने के आरोप लगाए गए थे कहा जा रहा था कि बीएसपी बीजेपी की बी टीम बनकर काम कर रही है। वहीं ये भी कहा जाने लगा था कि बीएसपी समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर फ्रेंडली मैच खेल रही है लेकिन इसके विपरीत जिस तरह से मायावती ने पार्टी की में टिकट बाटे हैं इससे चुनावी माहौल में काफी गर्माहट देकने को मिली है और कहीं न कहीं बीजपी भी समस्या में आ गई है।
बीएसपी ने 55 टिकटों की घोषणा की है जिनमें पार्टी की ओर से 14 सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशियों को खड़ी किया गया है। बीएसपी की तरफ से जातिय समीकरण को भी साधने की भरपूर कोशिश की गई है। इतिहास पर गौर किया जाए तो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीएसपी ने सामजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था उस वक्त बीएसपी 10 सांसद जीताने में सफल रही थी। इसके बाद 2024 तक आते आते इस पार्टी की स्थिति इतनी खराब रही कि जीते हुए इन 10 सांसदों में से कुछ तो पार्टी छोड़कर ही चले गए या फिर जो बचे उनको इस बार के चुनाव में पार्टी की ओर से टिकट नहीं मिला।
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मुस्लिम उम्मीद्वार उतारकर बिगाड़ा खेल
लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र कांग्रेस पार्टी ने BSP को इंडिया गठबंधन में शामिल करने की हर एक कोशिश की लेकिन उनकी सारी कोशिशें नाकाम रहीं और मायावती ने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला लिया। मायावती ने एकला कलो की रणनीति को अपनाया और अपने फैसले पर टिककर चुनावी मैदान में अपनी जगह बनाई। आपको बता दें कि मंगलवार के दिन बहुजन ने अपने उम्मीद्वारों की पांचवी लिस्ट का ऐलान कर दिया है। जिसमें 11 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा हुई है। इस लिस्ट मे जौनपुर से पूर्व सांसद रहे बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह का नाम भी सामने आया है। इसके साथ ही मायावती ने मैनपुरी सीट से अपने प्रत्याशी बदल दिए हैं।
इस बार का ये चुनावी मुकाबला वाकई में देखने वाला होगा। BSP की ओर से जारी की गई इस नई लिस्ट के मुताबिक बदांयु में मुस्लिम खां का मुकाबला समाजवादी पार्टी के आदित्य यादव और बीजेपी के दुर्विजय सिंह शाक्य से होगा। अनुमान लगाया जा रहा है कि मुस्लिम खां दित्य यादव पर भारी पड़ते नज़र आएंगे। देखा जाए तो जहां, बीजेपी ने डुमरियागंज सीट पर चुनाव में जगदम्बिका पाल को टिकट दिया है। और कांग्रेस ने कुल तिवारी को मैदान में उतारा है तो वहीं बीएसपी ने मुस्लिम चेहरों को मैदान में उतारकर एक टेढ़ी चाल खेली है। आपको बता दें कि बीएसपी ने ख्वाजा शम्सुद्दीन को टिकट देकर समाजवादी पार्टी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सहारनपुर लोकसभा सीट की बात की जाए तो बीजेपी से राघव लखनपाल
चुनावी मैदान में हैं जहां कांग्रेस ने इमरान मसूद को खड़ा किया है तो वहीं BSP ने माजिद अली के साथ इस मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। इसके अलावा मुरादाबाद से बीजेपी पार्टी ने क बार फिर से सांसद सर्वेश सिंह को चुनावी पारी आज़माने का मौका दिया गया है। तो वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने मिलकर विधायक रूचि वीरा को मौका दिया है। और इसके दूसरी ओर दमदार पार्टी BSP की तरफ से मौहम्मद इरफान सईदी का नाम सामने आया है।
बसपा ने रामपुर से जाशान खान को उम्मीद्वार बनाया है। 2024 के लोकसभा चुनावों बीजेपी ने जहां पिछले लोकसभा चुनावों में हारे कुंवर सिंह तंवर को दोबारा मौका दिया है तो वहीं मायावती ने डॉ. मजाहिद हुसैन उर्फ बाबू को कैंडिडेट बनाया है।मुस्लिम उम्मीद्वारों में ऐटा की लोकसभा सीट से पूर्व कांग्रेस नेता मौहम्मद इरफान को मैदान में उतारा है। इसके साथ ही संबल आंवला और कन्नौज ये कुछ ऐसी सीटें हैं जिन पर बीएसपी ने अपने मुस्लिम उम्मीद्वारों को उतारकर एक त्रिकोणिए मुकाबले को जन्म दिया है।