Lok Sabha Election 2024: समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के बीच 8 वचन लिए हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ प्रेस वार्ता के बाद सपा नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। उन्होंने तस्वीरों के साथ 8 वचनों का भी जिक्र किया।
सोशल मीडिया पोस्ट में क्या लिखा?
उन्होंने पोस्ट में लिखा की “रोटी, कपड़ा और मकान पर सबसे पहले संविधान” आज लखनऊ में कांग्रेस और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्षों की मौजूदगी में इंडिया गठबंधन की एक साथ प्रेस वार्ता हुई। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “संविधान, आरक्षण, लोकतंत्र की रक्षा करना हमारा प्रमुख कर्तव्य है। हम अमीर और गरीब के बीच का अंतर मिटाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा लक्ष्य है कि इंडिया गठबंधन की सरकार के माध्यम से सभी का हक़ सुनिश्चित किया जाए।
यह भी पढ़े: सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी को पिता मुख्तार की प्रार्थना सभा में शामिल होने की अनुमति
हम लोगों के भविष्य के लिए महंगाई, बेरोजगारी, और भ्रष्टाचार को कम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम महिलाओं के साथ अत्याचार को रोकने के लिए जुटे हैं। हम ऐसे राजनीतिक दलों के खिलाफ हैं जो अवैध धन लेते हैं और जनता के साथ धोखाधड़ी करते हैं। हम भाजपा को विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो PDA पर अत्याचार करते हैं और शोषण करते हैं।”
प्रेस वार्ता में क्या कहा गया?
प्रेस वार्ता में अखिलेश ने बताया कि जन समर्थन INDIA गठबंधन को मिल रहा है, और आगे चलकर 140 करोड़ लोग उन्हें 140 सीटों पर ले आएंगे। उन्होंने कहा कि चौथे चरण का चुनाव खत्म हो गया है और भारतीय जनता पार्टी ने अपना हर झूठ साबित कर दिया है, अब उन्हें उतरना ही पड़ेगा। 4 जून को मीडिया की आज़ादी का भी दिन होगा।
उन्होंने कहा कि ‘बुंदेलखंड के लोग भारतीय जनता पार्टी को खंड खंड कर देंगे, और INDIA गठबंधन उत्तर प्रदेश में 79 सीटों पर जीत रहा है और क्यूटो में लड़ाई में है।’ दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो गरीबों को 10 किलो राशन मुफ्त मिलेगा।
खरगे ने बताया कि INDIA गठबंधन की सरकार खाद्य सुरक्षा के अंतर्गत, हर महीने ग़रीबों को 10 किलो अनाज मुफ्त मिलेगा। यह एक महत्वपूर्ण घोषणा है। कांग्रेस-UPA सरकार ने ही खाद्य सुरक्षा क़ानून लाया था, जिसके तहत ग़रीबों को मुफ़्त राशन प्रदान किया जाता था।