Lok Sabha Election 2024: देश की राजनीति में उत्तर प्रदेश की अपनी एक अलग भूमिका है. कहा जाता है कि दिल्ली की सियासत उत्तर प्रदेश के रास्तो से होकर गुजरती है. फिलहाल देश में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) चल रहे है जिसमें 6 चरणों का मतदान हो चुका है. अब सिर्फ आखिरी मतलब की सातवें चरण का मतदान होना बाकी है.
आपको बता दे कि सातवें चरण का मतदान 1 जून को होने वाला है. जिसे लेकर सभी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जोर-शोर से लगी हुई है. अगर बात की जाएं सातवें चरण की तो यूपी की 13 सीटों में से गोरखपुर, गाजीपुर, वाराणसी और मिर्जापुर ये 4 सबसे ज्यादा चर्चित सीटें है.
सातवें चरण की चर्चित सीटें
अगर वाराणसी की बात की जाएं तो वो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट है जिसे लेकर आए दिन चर्चा होती ही रहती है.. एनडीए गठबंधन की तरफ स्वंय प्रधानमंत्री उम्मीदवार है तो वहीं विपक्षी गठबंधन की तरफ से कांग्रेस नेता और प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को उम्मीदवार बनाया गया है.
चलिए थोड़ी सी चर्चा गोरखपुर सीट पर भी कर लेते है.. इस सीट (Lok Sabha Election 2024) से एनडीए गठबंधन की तरफ से वहां के मौजूदा सांसद और अभिनेता रवि किशन को मैदान में उतारा गया है.. और इंडी गठबंधन की तरफ सपा नेत्री काजल निषाद को उम्मीदवार बनाया है.
इस समय की सबसे ज्यादा चर्चित सीटों के बारे में बताएं तो मिर्जापुर और गाजीपुर है. अनुप्रिया और राजा भैया के विवाद के बाद से मिर्जापुर सीट पर चर्चा तेज हो गई है. अनुप्रिया के विदादित बयान के बाद से कयास लगाए जा रहे है कि मिर्जापुर में राजा भैया अनुप्रिया का जमकर विरोध करेंगे और वहीं भाजपा के बागी नेता रमेश चंद्र सपा से मैदान में है. जो कि अनुप्रिया को सीधी टक्कर देंगे.
गाजीपुर सीट पर किसकी होगी जीत?
आइए अब बात करते है इस समय की दूसरी सबसे ज्यादा चर्चा में आने वाली सीट गाजीपुर की जिसे छोटी काशी भी कहा जाता है. जहां से बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी चुनावी मैदान में हैं. वहीं अफजाल की बेटी नुसरत ने भी इसी सीट से पर्चा दाखिल किया है.
गौरतलब हो कि अफजाल पर एक मुकदमे की सुनवाई चल रही है और अगर कोर्ट अफजाल को सजा सुनाती है तो वो मौजूदा चुनाव में लड़ नहीं सकेंगे. यही वजह है कि अफजाल ने अपनी बेटी नुसरत को भी चुनावी रण में उतार दिया है. अगर अंसारी की उम्मीदवारी निरस्त होती है तो सपा का सिंबल उनकी बेटी नुसरत को ट्रांसफर कर दिया जाएगा और वहां से फिर नुसरत चुनाव लड़ेंगी.
2019 में अफजाल अंसारी को मिली थी जीत
2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी नें यहां से पारस नाथ राय को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं मायावती ने उमेश सिंह को मैदान में उतारा है. गाजीपुर उन सीटों में शामिल है जहां पर भाजपा को पिछले चुनाव में जीत नहीं मिल सकी थी. आपको बता दें कि यहां की पांचों विधानसभा सीटों में से 4 सपा के पास तो वहीं एक सीट ओम प्रकाश राजभर के कब्जे में है.
अगर बात की जाए 2019 के लोकसभा चुनाव की तो वहा पर भाजपा को बड़ा झटका लगा था और कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को हार मिली थी. तो वहीं अफजाल अंसारी को चुनाव में जीत मिली थी और उस समय अफजाल अंसारी बसपा से चुनावी मैदान में थे. अफजाल ने लगभग सवा लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
चुनाव में मुख्तार के मौत का कितना असर?
इस बार के लोकसभा चुनाव के पहले मुख्तार अंसारी का निधन हो गया. जिसका असर इस बार के चुनाव पर देखने को मिल सकता है. अब वो पाजिटिव भी हो सकता है और निगेटिव भी हो सकता है. फिलहाल अफजाल अंसारी पर केस चल रहा है और आज इस पर फैसला आने वाला है जिससे ये तय हो जाएगा कि अफजाल अंसारी गाजीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे या नहीं.
वैसे अगर गाजीपुर का चुनावी इतिहास उठाकर देखा जाए तो पिछले 35 सालों के सफर में गाजीपुर की जनता ने किसी भी नेता को लगातार दूसरी बार चुनकर संसद नहीं भेजा है. लेकिन इस बार ये देखना बड़ा ही दिलचस्प होगा कि क्या अफजाल अंसारी अपनी जीत का इतिहास दोहरा पाते हैं. या गाजीपुर की जनता किसी दूसरे को मौका देती है.